रविवार, 24 नवंबर 2019

घर के आंगन में लगा रखा था गांजा का पेड़, फतेहपुर पुलिस ने की कार्यवाही.


Ganja tree was planted in the courtyard of the house, Fatehpur police took action.

घर के आंगन में लगा रखा था गांजा का पेड़, फतेहपुर पुलिस ने की कार्यवाही.

फतेहपुर - फतेहपुर पुलिस ने असोथर थानाक्षेत्र के ग्राम सरवल में घर की आंगन में गांजा का पेड़ लगाकर खेती करने वाले बबलू तिवारी पुत्र शिवकुमार तिवारी के घर से बरामद किया हैं।

पुलिस बबलू तिवारी के घर कई पेड़ बरामद कर कार्रवाई की है.  
मुखबिर ने बबलू तिवारी के घर में गांजे का पौधा लगा देख इसकी सूचना उन्हें दी. 

सूचना पर असोथर पुलिस आबकारी विभाग की संयुक्त टीम के साथ सरवल गांव पहुंच आरोपी के आंगन पर लगाए गए पेड़ को बरामद किया 

इस मौके पर आबकारी इंस्पेक्टर संदीप उपाध्याय , सीओ थरियांव रामप्रकाश , थाना अध्यक्ष हेमराज सरोज , हल्का इंचार्ज मोहन सिंह , सरकंडी चौकी प्रभारी राकेश कुमार सिंह मौजूद रहे खबर लिखे जाने तक मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ असोथर थानाध्यक्ष ने बताया कि कार्रवाई जारी है।

जल्द ही बबलू तिवारी पुलिस की गिरफ्त में होगा
पुलिस आरोपी के खिलाफ 20 क एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकती हैं ।
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बुधवार, 13 नवंबर 2019

पुलिस अधीक्षक ने असोथर थाने का किया औचक निरीक्षण, दिया निर्देश


 पुलिस अधीक्षक ने असोथर थाने का किया औचक निरीक्षण, दिया निर्देश


फतेहपुर - एसपी फतेहपुर प्रशांत वर्मा ने बुधवार को असोथर थाने का औचक निरीक्षण किया । 

नवांतुगत एसपी के थाने पहुंचते ही मातहतों मे हड़कम्प मच गया
एसपी प्रशांत वर्मा ने आवास, भोजनालय, बैरक का निरीक्षण कर पुलिस बल को थाने की साफ-सफाई एवं जनता से मिलकर उनकी समस्या का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए सख्त निर्देश दिया । 
साथ ही उपनिरीक्षक एवं आरक्षीगण को अपने-अपने क्षेत्र में सतर्कता रखने एवं किसी भी सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंच कर प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया। 
कार्यालय एवं मालखाने का निरीक्षण करते हुए, कार्यालय मे उपस्थित कर्मचारियों से अभिलेखों, शस्त्रों के रख-रखाव के सम्बन्ध मे पूछ-ताछ करते हुए,
थानाध्यक्ष को आदेशित किया कि थाने आने वाले फरियादियो के लिए आगन्तुक रजिस्टर व एक महिला कान्सटेबल 9 बजे से शाम 5 बजे तक आने वाले लोगों के जानकारी नोट करने के लिए उचित दिशा-निर्देश दिया।
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मंगलवार, 22 अक्तूबर 2019

असोथर में प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन इस्तेमाल


असोथर में प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन इस्तेमाल


Polyethylene used In Asothar even after the ban  

फतेहपुर / असोथर : यूपी में पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बावजूद फतेहपुर जिले के असोथर क्षेत्र में अब भी इसका धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। 
कहीं चोरी-छिपे तो कहीं खुलेआम पॉलीथिन में समान दिया जा रहा है। 
पॉलीथिन के प्रतिबंध को लेकर प्रशासनिक अभियान भी चल रहा है। 
इसके बाद भी शहर, नगर व ग्रामीण अंचलों में धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। 
इसकी खपत बढ़ गई है। 
प्रतिबंध के बावजूद दुकानदारों द्वारा पॉलीथिन का उपयोग करके समान दिया जा रहा है। 
फल, सब्जी, दूध, किराना आदि स्थानों पर नियम की धज्जियां उड़ती दिख रही हैं। 
गत वर्ष की भांति इस वर्ष सप्ताह भर पॉलीथिन पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों ने दुकानों पर छापेमारी की। 
इसका असर भी दिखा। दुकानों से पॉलीथिन गायब हो गई, लेकिन प्रयोग फिर से बढ़ने लगा है।

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बढ़ रही समस्या

इस मामले में सरकार के साथ साथ लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत हैं 
पॉलिथीन और प्लास्टिक से शहर से लेकर गांव तक लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। 
नाले-नालियों में अक्सर पॉलिथीन से भरा मिलता है। 
इसके चलते जलनिकासी बाधित हो रही है। 
कूड़े-कचरे का उचित ढंग से निस्तारण नहीं हो पाता।

प्रवीणानन्द खंड विकास अधिकारी असोथर


स्वास्थ्य के लिए हानिकारक


प्लास्टिक के गिलासों में चाय या फिर गर्म दूध का सेवन करने से उसका केमिकल लोगों के पेट में चला जाता है। 
इससे डायरिया के साथ ही अन्य गम्भीर बीमारियाँ होती हैं।


डा. उपेंद्र कुमार पीएचसी असोथर

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पॉलीथिन से दर्जनों पशु बने काल का ग्रास


कस्बे के रहने वाले गौ सेवक सूरज सिंह का कहना हैं 

पॉलीथिन का बहुतायत में प्रयोग पर्यावरण को बिगाड़ रहा है। पॉलीथिन का प्रयोग से क्षेत्र में दर्जनों निरीह पशु काल का ग्रास बन चुके हैं। 
यही नहीं पॉलीथिन उपजाऊ जमीन को भी बंजर बना रही है। जिससे लगातार उत्पादन क्षमता घटती जा रही है।


कपड़े का मंगाया झोला


-हम पॉलिथीन का प्रयोग न करने को जागरूक कर रहे है। कपड़े का झोला मंगाया गया है।

रमेश विश्वकर्मा (व्यापारी)

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फैलाएंगे जागरूकता


-हानिकारक पॉलीथिन, डिस्पोजल, कैरी बैग आदि से छुटकारा दिलाने के विद्यार्थियों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। इसके लिए हम सभी ने शपथ ली है।

संतोष सिंह, प्रधानाचार्य सर्वोदय इंटर कालेज असोथर

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नहीं करेंगे प्रयोग


-हम परिवार में पॉलीथिन कोई भी समान नहीं मंगाते है। घर को इससे मुक्त करते हुए औरों को भी प्रेरित कर रहें हैं।

उर्मिला गृहणी
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सोमवार, 23 सितंबर 2019

काला चीता को दी , अक्षय बनारस ने करारी शिकस्त


काला चीता को दी , अक्षय बनारस ने करारी शिकस्त

Akshay Banaras Beat Down Black Tiger

फतेहपुर - असोथर क्षेत्र के सरकंडी गांव में प्रत्येक वर्ष की भांति  इस वर्ष भी दंगल का आयोजन पूर्व प्रधान व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी के द्वारा किया गया , जिसमे 35 जोड़ी जनपद स्तरीय व गैर जनपदों के पहलवानो ने भाग लिया ।
सन्तोष द्विवेदी ने पहलवानो की जोड़ी का हाथ मिलवा कर दंगल शुरू करवाया , जिसका संचालन राजेश मिश्रा ने किया , जिसमे बनारस के पहलवान अक्षय ने तीन पहलवानो को शिकस्त देकर 11 हजार रुपए की बाजी मारी जिसे कमेटी द्वारा नगद पुरुस्कार दिया गया।

महेंद्र भसरौल ने मोनू बनारस को पराजित किया , सन्तोष बिकौरा ने सत्ययबीर हमीरपुर को पराजित किया , दिनेश हमीरपुर ने छोटे औरेया को पराजित किया ।

अक्षय बनारस ने गब्बर प्रयागराज को पराजित किया , मदन सरकंडी ने अरविंद सिंह प्रयागराज को पराजित किया , राघवदास हमीरपुर ने राजू प्रयागराज को पराजित किया , वीरभान टेसाही ने करन प्रयागराज को पराजित किया , अक्षय बनारस ने डागा प्रयागराज को पराजित किया , अक्षय बनारस ने काला चीता सतना को पराजित किया , इस मौके पर हजारों की संख्या में क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।

इस मौके पर सन्तोष द्विवेदी , राजेश मिश्रा ,चेतन तिवारी , जनार्दन त्रिपाठी , प्रेमशंकर निषाद प्रधान सरकंडी , बाबूलाल मुनीम ब्लाक प्रमुख पति , शुशील अवस्थी , ननकवा अवस्थी , प्रमोद , पुत्तन तिवारी , गौरी सिंह , महेश पासवान , देवीदयाल आदि उपस्थित रहे ।
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रविवार, 8 सितंबर 2019

ट्रैफिक नियम सबके लिए बराबर हैं चाहें पुलिस कर्मचारी हो या आम आदमी - TSI आशीष सिंह

ट्रैफिक नियम सबके लिए बराबर हैं चाहें पुलिस कर्मचारी हो या आम आदमी - TSI आशीष सिंह 

Traffic rules are equal for everyone, be it police personnel or common man - TSI Ashish Singh

फतेहपुर - जनपद के तेज  तर्रार यातायात प्रभारी आशीष सिंह द्वारा रविवार को क्षेत्राधिकारी नगर कार्यालय के पास वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। 
चेकिंग अभियान के तहत यातायात प्रभारी आशीष सिंह द्वारा पुलिसकर्मियों के वाहनों की भी चेकिंग की गई। 
बिना हेलमेट तथा बिना नंबर प्लेट होने पर ट्रैफिक पुलिस के होमगार्ड का भी चालान काटा गया। 
यातायात प्रभारी आशीष सिंह ने कहा कि यातायात नियमों का पालन सभी लोगों करना चाहिए चाहे वह आम आदमी हो या कोई पुलिसकर्मी
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सोमवार, 19 अगस्त 2019

असोथर - नशे में अनियंत्रित होकर बाइक सवार ने दौड़ रहें युवक को टक्कर मारी , फतेहपुर रिफर


असोथर - नशे में अनियंत्रित होकर बाइक सवार ने दौड़ रहें युवक को टक्कर मारी , फतेहपुर रिफर

Asothar - Unruly Drunk bike rider hit the running man, Fatehpur referred

फतेहपुर - सोमवार की शाम को असोथर मार्ग पर थरियांव की तरफ से आ रहे बाइक सवार ने फौज के लिए दौड़ की तैयारी कर रहे युवक को टक्कर मार दी , जिससे युवक के पैर में चोट लग गई , गनीमत यह रही युवक को मामूली चोटें ही आई , वही बाइक सवार युवक जितेंद्र पुत्र छेदालाल उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम कौंडर थाना असोथर स्वंय बाईक के अनियंत्रित होने से युवक से टकराकर गंभीर घायल हो गया , सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को असोथर पीएचसी भिजवाया जहाँ से युवक को जिला अस्पताल के लिए रिफर किया गया हैं ।

वही लोगों में चर्चा यह भी रही कि बाईक सवार के नशे में होने के कारण ही बाइक अनियंत्रित होकर दौड़ रहे युवक से जा टकराई , जिससे यह हादसा हो गया ।

थानाध्यक्ष असोथर हेमराज सरोज का कहना हैं अभी किसी भी पक्ष से कोई तहरीर नहीं मिलने हैं , तहरीर मिलने पर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जाएगी ।
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फतेहपुर - तेजरफ्तार बोलोरों की टक्कर मासूम समेत दो की मौत , तीन घायल


फतेहपुर - तेजरफ्तार बोलोरों की टक्कर मासूम समेत दो की मौत , तीन घायल

Fatehpur - speeding collision with Bolero, two dead including innocent, three injured

फतेहपुर - असोथर थानाक्षेत्र के सातों गांव के अंजान बाबा मोड़ के पास तेज रफ्तार बोलोरों ने सड़क में साइकिल से आ रहे राहगीरों को जोरदार टक्कर मार दी , टक्कर इतनी भीषण थी कि एक मासूम समेत दो लोगों की मौत हो गई ,
टेक्सारी खुर्द गांव के रहने वाले राजकरण पुत्र कल्लू उम्र 28 वर्ष , शोभित पुत्र राजकरण उम्र 3 वर्ष की मौके पर ही मृत्यु हो गई व ईलाज के लिए ले जाने के दौरान राजकरण के साले बसंत पुत्र छोटेलाल उम्र  23 वर्ष की मौत हो गई , व राजकरण की पत्नी संगीता उम्र 25 वर्ष व अंशिका पुत्री राजकरण गंभीर रूप से घायल हैं ,
जानकारी के अनुसार पास के ही नरैनी गांव की बोलोरों ने टक्कर मार दी हैं ।

असोथर थानाध्यक्ष हेमराज सरोज ने बताया कि उपरोक्त प्रकरण पर विधिक कार्यवाही कर मृतक शवों को पोस्टमार्टम के लिए फतेहपुर भेजा गया हैं व घायलों को जिला हॉस्पिटल भेजा गया हैं , व जल्द ही बोलोरों व उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा ..

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सोमवार, 29 जुलाई 2019

बिजली न मिलने पर नाराज सैकड़ों किसानों घेरा असोथर उपकेंद्र , एक्सईन , एसडीओ के आश्वासन पर हुए शांत

बिजली न मिलने पर नाराज सैकड़ों किसानों घेरा असोथर उपकेंद्र , एक्सईन , एसडीओ के आश्वासन पर हुए शांत 

Hundreds of farmers angry at the absence of electricity, there is a calm on the asothar of the sub-center, XCN ,SDO

फतेहपुर : 33/11 विद्युत उपकेंद्र असोथर से सैकड़ों गांवों को विद्युत आपूर्ति की जा रही हैं , उपकेंद्र असोथर से 5 फीडर संचालित हैं , जिनमें प्रमुख समस्या नरैनी फीडर की हैं , नरैनी फीडर सहित अन्य फीडर के सैकड़ों किसानों ने आज सुबह 10 बजे से विद्युत उपकेंद्र का घेराव किया , और जम कर हंगामा काटा , किसानों ने कहा एक महीने से असोथर उपकेंद्र  से पर्याप्त मात्रा विद्युत आपूर्ति नहीं दी जा रही हैं , जिससे धान की रोपाई नहीं हो पा रही हैं , व जो धान लग गया हैं उसे सींचने के लिए भी संकठ हैं ।

क्षेत्र से आये एक सैकड़ा से अधिक अन्नदाताओ ने कहा कि बिजली विभाग से हर महीने हजारों रुपये बिजली के बिल के रूप में वसूला जा रहा हैं , जबकि इसके बिजली आपूर्ति पूरे दिन एक से दो घण्टे के लिए ही मिल रही हैं , उपभोक्ताओं का कहना था कि अगर बिजली उपकेंद्र से नही मिल सकती तो हम सबका सामूहिक रूप से नलकूपों , ट्यूबवैलों का कनेक्शन काट दिया जाय , नरैनी फीडर के उपभोक्ताओं ने बताया कि पिछले एक दशक से अधिक समय से मनावां गांव से लेकर यमुना पट्टी को जोड़ने वाले गांवों सरकंडी आदि में लोहे की टार लगी हैं  जिससे वह फाल्ट होकर आए दिन कई दिन तक ब्रेकडाउन रहती हैं ।

नरैनी फीडर , जरौली फीडर , घरवासीपुर फीडर , थरियांव फीडर , गाजीपुर फीडर , कस्बा असोथर को बिजली आपूर्ति उपकेंद्र असोथर से मिलती हैं , उपकेंद्र में पिछले एक पखवाड़े से 33 हजार जर्जर लाइन में 11 हजार लाइन लगा देने से आएं दिन फाल्ट व ब्रेकडाउन की वजह से सभी फीडरों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हैं , आलाधिकारियों और विभाग के तमाम अधिकारियों की मिन्नते कर चुके किसानों का आज गुस्सा फूट पड़ा , और उपकेंद्र पर जमकर हंगामा काटा व बिजली विभाग , जिला प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए ।

असोथर उपकेंद्र में बदल गएं 6 माह में 3 जेई


आपको बताते चलें कि पिछले छह माह के अंदर ही उपकेंद्र असोथर के तीन जेई विद्युत व्यवस्था चुस्त दुरुस्त नहीं कर पाने के कारण स्थांतरित हो गए जेई बसंतलाल , जेई राकेश , जेई गिरजाशंकर यादव इस उपकेंद्र की बिजली संकट को नहीं सुधार पाएं , नवनियुक्त जेई हरिकेश कुमार यादव के लिए यह उपकेंद्र सही सुचारू रूप से चला लेना किसी चुनौती से कम नहीं हैं ।

आज उपकेंद्र में किसानों के जोरदार हंगामे के बीच एसडीओ मोहम्मद जाहिद सिद्दीकी अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकले ,
बिजली न मिलने से नाराज किसान उपकेंद्र में विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी कर ही रहे थे , कि किसी उपकेंद्र के कर्मचारी ने असोथर थाने को उपरोक्त घटनाक्रम की सूचना दे दी , कस्बा इंचार्ज मोहन सिंह समेत हेड कांस्टेबल हीरामणि तिवारी व अन्य पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची तब एसडीओ , व अन्य कर्मचारी कार्यालय से बाहर आएं और लगभग एक घंटे तेज धूप में एक्सईएन मेघा सिंह किसानों को समझाते रहें , व जल्द ही विद्युत आपूर्ति में सुधार की बात कही , नएं रोस्टर के मुताबिक प्रति फीडर को एकमुश्त आठ घंटे बिजली मिलने का आश्वासन दिया ।

तब जाकर किसान शांत हुए , एक्सईन मेघा सिंह ने कहा कि ऊपर से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति के आदेश हैं , पर लाईन जर्जर हालत होने के कारण हर फीडर को आपूर्ति करने में उपकेंद्र अभी अक्षम हैं , समस्याओं के आलाधिकारियों को एस्टिमेट भेज दिया गया हैं जैसे ही पास होकर आता हैं , तुरंत ही सुधार किया जाएगा ।
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शनिवार, 27 जुलाई 2019

फतेहपुर - जिलाधिकारी ने किया असोथर विद्युत उपकेंद्र का औचक निरीक्षण , खामियों पर लगाई फटकार


जिलाधिकारी ने किया असोथर विद्युत उपकेंद्र का औचक निरीक्षण , खामियों पर लगाई फटकार
District Collector raises surprise inspection of 33/11 Asothar power sub-station, crackdown on lapses

फतेहपुर / असोथर - जिलाधिकारी फतेहपुर संजीव सिंह ने विकास खण्ड असोथर के कस्बा असोथर का औचक निरीक्षण किया तथा कस्बे समेत क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति करने वाले 33/11 उपकेंद्र का औचक निरीक्षण किया , कर्मचारियों से उपस्थित व शिकायत रजिस्टर को देखा , व लोगों की शिकायतें को भी सुना राधानगर विद्युत आपूर्ति केंद्र असोथर कस्बे को वाली 33 हजार जर्जर हालत की लाईन व असोथर उपकेंद्र से नरैनी फीडर की लाइन को जल्द बदलवाने का लोगों को आश्वासन दिया ।

फोन करने पर जेई व एसडीओ को उचित जवाब न देने पर कड़ी फटकार लगाई , समाजसेवी अनिलराज गुप्ता ने शिकायत की लगभग एक सैकड़ा से अधिक जरौली फीडर में अवैध नलकूप बिजली विभाग की कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहे हैं , नलकूप कनेक्शन की सूची उपलब्ध न होने पर कार्यालय प्रमुख को फटकार लगाई , गाॅव की जल निकासी एवं सफाई व्यवस्था का जायजा लिया।

कस्बे के बाजार में जलभराव व कीचड़ के कारण आमजन को हो रही असुविधा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ग्राम प्रधान को तत्काल कस्बे के मुख्य नाले के साफ - सफाई करने के निर्देश दिए !
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बुधवार, 17 जुलाई 2019

आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली गांवों की तस्वीर, मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण

सीर , फ़टही बरगदी , रानी पिपरी गांव जाने का मुख्य खराब कच्चा रास्ता 
Even after seven decades of independence, the picture of villages not changed, the rural poor lack basic amenities

आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली गांवों की तस्वीर, मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण

फतेहपुर -  उत्तर प्रदेश राज्य के गठन को 69 साल पूरे हो चुके हैं। 

लेकिन प्रदेश के कई ऐसे क्षेत्र हैं। जहां विकास की किरण अभी भी नहीं पहुंच पाईं हैं। 
जिससे लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। 
हम बात कर रहे हैं राज्य के सबसे पिछडे जिले फतेहपुर की , जहां कई ऐसे भी गांव जिसका विकास से दूर-दूर तक नाता नही है। दिलचस्प बात यह है कि विकासखंड मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर व एक किलोमीटर की दूरी पर उक्त गांव बसे हैं।
ग्राम पंचायत के असोथर के सीर , फ़टही बरगदी , रानी पिपरी गांव की जहां शिक्षा, स्वास्थ, पानी और सड़क जैसी मूलभुत सुविधाओं के अभाव में लोग जीने को मजबूर हैं। 
वहीं लोगों को सरकार से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। 
जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है। आश्चर्य की बात है कि गांव के विकास में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते गांव के लोग आज भी 21 वी सदी में 18 वी सदी का जीवन जीने को मजबूर हैं। 
उत्तर प्रदेश के गठन व देश की आजादी के बाद भी इस गांव में आज तक घरों तक पहुंचाने के लिए बिजली तार, सरकारी पोल तक नही मिल पाया है।
जिस कारण लोग आज भी ढिबरी की रोशनी में बिजली जीवन जीने के लिए विवश है। 
असोथर विजयीपुर मुख्य मार्ग से मात्र कुछ ही दूरी पर सीर गांव होने के बावजूद आज भी गांव तक कच्चे रास्ता होने की वजह से सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों के सामना करना पड़ता है। 
खासतौर से बारिश के मौसम में कच्चे रास्ते के खराब होने के कारण यह गांव किसी टापू की तरह हो जाते हैं ।
लेकिन बीते 69 सालों में सिर्फ सरकार ही बदली।

इस गांव की तस्वीर ज्यों की त्यों है। 
गांव वालों के दुखों का अंत यहीं पर नहीं होता। 
बता दें कि ग्रामीणों के लिए पीने के पानी तक की भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। 
सीर गांव में एकलौते लगे सरकारी नल के खराब होने के कारण ग्रामीण कुओं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं ।
फतेहपुर जिले में आज भी सीर जैसे न जाने कितने गांव होंगे जो आज भी अपने मूलभुत सुविधाओं के लिए तरस रहें हैं। वहीं उक्त गांव की समस्या ने सरकार के विकास के दावों की पोल खोल दी है। 
इधर उक्त गांव के निवासी केशव प्रसाद , वीरेंद्र , आदिकी माने तो कच्चे रास्ते में कीचड़ भरे होने के कारण शिक्षा के लिए छोटे बच्चों , बुजुर्ग , महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं , लोगों का कहना हैं कि कई बार विभाग के अधिकारियों का ध्यानकृष्ट कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नही हुई ।
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मंगलवार, 9 जुलाई 2019

बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, असोथर क्षेत्र के सैकड़ों गांवों की बिजली ध्वस्त


बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, असोथर क्षेत्र के सैकड़ों गांवों की बिजली ध्वस्त

Fatehpur_Lightning erupts in power, hundreds of villages in the Asothar area collapse

फतेहपुर : जनपद सहित असोथर क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन से हो रहीं बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। 

कस्बे की मुख्य बाजार ,चौराहो व मुहल्लों के नाले - नालिया चोक हो गए।
जिससे सड़कों पर पानी और कीचड़ भर गया।
उधर, दूसरे दिन भी जनपद में बिजली संकट गहराया रहा। असोथर क्षेत्र में करीब 400 गांवों में बिजली प्रभावित रही। 
हालांकि बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी बिजली आपूर्ति दुरस्त करने के लिए कर्मचारियों , व लाइनमैनों को को दिनभर दौड़ाए रखा।

रविवार रात से शुरू हुई बारिश आज मंगलवार दिन में भी जारी रही।
बारिश की वजह से सड़कों पर कीचड़ पसरी रही।
नाले भी पानी से अटे रहे।
भले ही गांवों में प्रशासन द्वारा नालियों की समुचित साफ - सफ़ाई के लिए सफाईकर्मी नियुक्त हो ,पर वह सफाई करना तो बड़ी दूर की बात उनकी शक्ल तक किसी को दिख जाएं वह ही बड़ी बात हैं ।
प्रशासन के अधिकारी जहाँ एक ओर कर्मचारियों को भेजकर सफाई करने के दावे करते हैं, लेकिन सोमवार व मंगलवार को उनके दावे की पोल खुल गई। 

कोई कर्मचारी सड़कों व किसी भी नाली पर सफाई करता नजर नहीं आया। 

वहीं रही सही कसर बिजली आपूर्ति ने भी पूरी कर दी। 

सोमवार से हुए ब्रेकडाउन में से करीब कस्बे को ही बिजली सही ढंग से आपूर्ति हो पाई। 
उपकेंद्र असोथर से चलने वाले अन्य फीडर नरैनी , थरियांव , आदि मंगलवार को भी प्रभावित रहे। 
जिसकी वजह से 400 गांवों में बिजली संकट गहराया रहा। बताया गया है कि यदि बारिश की ऐसी ही स्थिति बनी रही तो जर्जर हो चुकी तारों में चल रही बिजली का ऐसा ही संकट झेलना पड़ेगा।


इन्होंने कहा

बारिश की वजह से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। 
जिसे जल्द से जल्द दुरस्त कराया जा रहा है। 
जल्द ही बिजली आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी।

एसडीओ विद्युत विभाग
मोहम्मद आबिद सिद्दीकी
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मंगलवार, 25 जून 2019

रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध पुल बना कर हैवी पोकलैंड मशीनों से धड़ल्ले से हो रहा अवैध मौरंग खनन


रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध पुल बना कर हैवी पोकलैंड मशीनों से धड़ल्ले से हो रहा अवैध मौरंग खनन

फतेहपुर : असोथर थानाक्षेत्र के अंतर्गत रामनगर कौहन मौरंग खदान में इन बाकी 5 दिनों में मौरंग के अधिक से अधिक खनन के लिए नियम कायदों को खदान संचालक द्वारा ताक पर रख दिया गया हैं , सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भले चाहे अवैध खनन पर कड़ी कार्यवाही करने की बात करते हो पर नौकरशाह इस के उलट शासन की बखिया उधेड़ने में लगे हुएं हैं ।


"पहले यमुना के किनारे मौरंग खदानों में नवंबर से लेकर मई तक ही मजदूरों से खनन होता था, लेकिन अब इस के उलट तस्वीर हो गई हैं अब हैवी पोकलैंड , जेसीबी मशीनों के जरिए पूरे साल चलता है। 

इस का उदाहरण देखा जा सकता हैं कि फतेहपुर जिले के रामनगर कौहन मौरंग खदान में इन दिनों हैवी बूम वाली मशीनों से यमुना की तलहटी से 50 फीट नीचे से मौरंग निकाला जा रहा हैं । 

खदान संचालको का लालच इन नदियों को लील रहा है बुंदेलखंड की इन नदियों में मशीनों से किसी भी तरह की खनन गतिविधि न करने का एनजीटी का आदेश है 
लेकिन इसके बावजूद असोथर क्षेत्र के रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध खनन जारी है। 
जबकि नियमत: खनन विभाग इसकी इजाजत नहीं देता। 
जो दिन-रात यमुना में खनन करके बालू और मौरंग निकालते रहनें से । 
इसका असर यह हुआ है कि नदी में खुदाई से बड़े-बड़े पोखर होने से धारा रुक गई है, रामनगर कौहन में बीच धारा तक ट्रकों की आवाजाही के लिए बनाए गए अवैध पुलों ने धारा का रुख मोड़ दिया है। 

कहीं 'रेगिस्तान' न बन जाए बुंदेलखंड की धरती ! 


बुंदेलखंड की यमुना महत्वपूर्ण  नदी हैं। 
इसके साथ हुई छेड़छाड़ पूरे बुंदेलखंड में सूखे का संकट लेकर आई है। 
यमुना से सीमित मात्रा में बालू और मौरंग निकालना तो ठीक है, लेकिन नदी की दिशा बदल देना गलत है।" 

भू-गर्भ जल विभाग के आंकड़ों के अनुसार फतेहपुर में हर साल औसतन तीन फिट तक जलस्तर नीचे खिसक रहा है ।
असोथर क्षेत्र में जलस्तर पिछले 20 वर्षों में करीब 100 फिट तक नीचे चला गया हैं। 

ये भी देखिए - 👇
रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध खनन के लिए अवैध पुल
रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध खनन के साथ ही इन पर कच्चे अवैध पुल भी ट्रकों और डंपरों के आने-जाने के लिए बना दिए हैं। 
जो की जलधारा के बहाव को रोक दे रहा हैं । 

इन दिनों रामनगर कौहन में खनन माफिया, बगैर रोकटोक बालू का अवैध खनन कर रहे हैं और जिला प्रशासन इस बात की जानकारी रखते हुए भी अंजान बनने की कोशिश कर रहा है।

यमुना में बीच जलधारा से परिवहन करते ट्रक
अभी दो दिन पहले रामनगर कौहन मौरंग खदान में खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता , एसडीएम सदर व स्थानीय पुलिस प्रशासन की टीम ने खदान पर छापेमारी की कार्यवाही कर 23 ट्रको को सीज कर दिया हालांकि रात्रि के 9 बजे तक खनन अधिकारी और उनकी टीम खदान तक नही पहुँची और इस के पहले ही पोकलैंड मशीनों को सुरक्षित नालों में छिपा दिया गया , इस के बाद खनन अधिकारी स्थानीय पत्रकारों को नियम कायदों को बताते रहें ।
जबकि इसके उलट मौके तक जा कर कार्यवाही करने से बचते रहे ।
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मंगलवार, 11 जून 2019

सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत

सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत 


Bike rider death in a road accident




संवाद सूत्र थरियांव : जनपद फतेहपुर के थरियांव थाना क्षेत्र के सीतापुर गांव के समीप मंगलवार को डम्फर टकरा जाने से एक नवयुवक की मौके पर ही मौत हो गई , शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेज दिया।



असोथर थानाक्षेत्र के कस्बा असोथर निवासी बब्बू सिंह चौहान का एकलौता पुत्र कौशल चौहान 25 वर्ष फतेहपुर से वापस अपने गांव आ रहा था तभी नेेशनल हाईवे 2 के थरियांव थानाक्षेत्र के सीतापुर गांव के समीप हाइवे के एक तरफ डम्फर खड़ा था , जिसमे बाइक सवार नवयुवक अनियंत्रित होकर टकरा गया , जिससे नवयुवक की मौके पर ही मौत हो गई ...


मृतक नवयुवक की फाइल फोटो
घर का एकलौता लड़का होने की वजह से मृतक के मुहल्ले सहित पूरे कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई ...
वही परिवारिकजनों का रो - रो कर बुरा हाल रहा ..
जिन्हें लोग ढांढस बंधाते रहें ।

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असोथर पुलिस ने किया फ्लैग मार्च

असोथर पुलिस ने किया फ्लैग मार्च 


Asothar Police did Flag March

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मंगलवार, 4 जून 2019

असोथर क्षेत्र में गहराया जल संकट , सूखे कुएं व हैंडपंपों ने छोड़ा साथ , ग्रामीण परेशान पानी के लिए खेतों में लगें समर्सिबल पम्प और कुओं पर भटकने की मजबूरी



असोथर क्षेत्र में गहराया जल संकट , सूखे कुएं व हैंडपंपों ने छोड़ा साथ , ग्रामीण परेशान

पानी के लिए खेतों में लगें समर्सिबल पम्प और कुओं पर भटकने की मजबूरी

Deepening water crisis in the asothar region, dry wells and handpumps left, along with rural distress

Take the fields for the water and use the common pump to wander on the well.

फतेहपुर - जिले के यमुना कटरी के बीहड़ व अतिपिछड़े क्षेत्र असोथर में ज्यों-ज्यों गर्मी अपना प्रचंड रूप लेती जा रही है वैसे ही ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत भयावह रूप लेती जा रही है। कस्बा सहित क्षेत्र के कुओं का जलस्तर बेहद घट गया है तो हैंडपंप बीमार पड़े हुए है। पानी की समस्या को लेकर प्रशासन तनिक भी गंभीर नहीं है जिससे ग्रामीणों को दूर-दूर खेतों से पानी ढ़ोने की मजबूरी बनी हुई है।

जिले में तापमान 45 डिग्री को पार कर गया है, गर्मी की प्रचंडता के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त है। 
लोग सुबह से ही प्रखर धूप का एहसास होने के कारण आवश्यक कार्यों के लिए ही घरों से बाहर निकल रहे है। 
गर्मी के रौद्र रूप लेने से कामकाज पर असर पड़ रहा है, आगामी नौतपा को लेकर लोग जहां चिंतित हैं तो वहीं पानी का संकट भी उत्पन्न हो गया है।

जिला मुख्यालय और कस्बाई इलाकों में निकायों के माध्यम से पानी की आपूर्ति नलों और टैंकरों के सहारे की जा रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हालात दयनीय है। 
जिले के अनेक गांवों में पानी के समुचित प्रबंध न होने की वजह से ग्रामीण बेहद परेशान है। 
ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजनाएं दिखावा बनी हुई हैं तो हैंडपंप भी बीमार पड़े हुए है।

ग्राम पंचायत स्तर और जल निगम से भले ही हैंडपंपों को सुधारने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हालात यह हैं कि कई गांवों के हैंडपंप खराब हैं तो कई केवल जंगयुक्त पानी उगल रहे है। ऐसे में ग्रामीणों को दूर खेतों से पानी ढ़ोने की मजबूरी बनी हुई है। असोथर विकासखंड के ग्राम सरकंडी के कई मजरों में पानी की समस्या का निदान नहीं हो सका। 
यहां के ग्रामीणों को पंचायत चुनाव की रंजिश का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। 
ग्रामीणों का आरोप है कि विकासखंड स्तर के अधिकारी संवेदनहीन हो चुके हैं। 
असोथर विकासखंड की ग्राम पंचायत असोथर के प्रतापनगर झाल चौराहे पर लगा सरकारी हैंडपंप गंदा और कीचड़ युक्त पानी दे रहा हैं , असोथर के मजरा सीर में लगभग 60 घरों के लिए कुल एक हैंडपंप हैं हैंडपंप रुक-रुक कर पानी दे रहा है, जंग छोड़ रहा है। यहां के निवासी बालकरण पासवान ने बताया कि गांव के किसानों के खेतों में स्थित कुओं का जल स्तर भी पूरी तरह से नीचे चला गया है। 
ग्रामीणों को पानी ढ़ोने के लिए तपती धूप में दूर तक जाने के बाद पानी के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। 

इधर असोथर के मजरा विधातीपुर के वाशिंदों बृजमोहन पासवान , बिमल कुमार , रामशरण , लल्लू , राकेश , कामता आदि ने बताया कि पूरे गांव में पानी की विकराल समस्या है तो यहां के दलित समाज बाहुल्य मुहल्ले में राजमाता के समय बने दूषित कुएं का जल मजबूरन पीना पड़ रहा हैं शादी ब्याह व अन्य किसी धार्मिक आयोजन के लिए पानी की तलाश करनी पड़ती है।

इनका कहना है


असोथर ग्राम पंचायत के निवासियों को गांवों में खराब पड़े सरकारी हैंडपंपों एवं नलजल योजनाओं के बारे में जानकारी देने को कहा गया था। 
कुछ जगह से ही जानकारियां मिली हैं। 
जहां से भी सूचनाएं आती हैं वहां तत्काल दल को भेजकर हैंडपंप ठीक कराए जा रहे हैं। 
जिन गांवों की जानकारी आपसे मिल रही है वहां भी तुरंत टीम को भेजकर हैंडपंपों को सुधारा जाएगा। 
कस्बे में कहीं भी जल संकट न हो मेरे द्वारा व जल निगम विभाग इसी प्रयास में लगा है।

रामकिंकर अवस्थी
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कस्बा असोथर 


काम नहीं आ सकीं जल निगम की योजनाएं


जिले में पेयजल संकट के दौरान जल निगम योजनाएं भी काम नहीं आ पा रही है। 
कस्बा असोथर में 35 वर्ष पूर्व बनी पानी टँकी शो - पीस बनी हुई हैं ।
पिछले एक पखवाड़े में दो बार जल - निगम पानी टँकी असोथर की मोटर दो बार फुंक चुकी हैं , और कस्बा बाजार सहित क्षेत्र में पानी के लिए लोगों में त्राहि - त्राहि मची हुई हैं ।
असोथर विकास खंड परिसर में 35 वर्ष पूर्व बनी इस पानी टँकी से पहले कस्बा असोथर सहित क्षेत्र के विधातीपुर , कठौता , सुजानपुर , बनपुरवा , चुनका का डेरा झाल , हरनवां आदि गांवों में इसी पानी टँकी से जलापूर्ति होती थी , पर पिछले एक दशक से ध्वस्त व जर्जर पड़ी पाइपलाइन से इन गांवों की जलापूर्ति बंद हैं , जिससे लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हैं ।
योगी व मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही ग्रामीणों को नल जल योजनाएं ग्रामीणों को पानी नहीं दे पा रही है।


नौतपा झुलसाएंगे फिर होगी मुश्किल


आगामी 5 जून से नौतपा शुरू होने जा रहे हैं तब ग्रामीणों को भारी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ेगा। ग्राम सरकंडी के राकेश सिंह का कहना है कि खेतों में बने कुओं की तलहटी तक पानी पहुंच गया है जिससे न सिर्फ ग्रामीणों को लंबी रस्सी खरीदनी पड़ रही है बल्कि भीषण धूप में महिलाओं और खासतौर से बच्चों को पानी खींचना मुश्किल हो रहा है। ग्राम पंचायतें पूरी तरह से उदासीन है और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा भी पेयजल समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। 
पूर्व के वर्षों तक पानी का परिवहन करने के लिए पंचायतों को आदेश दिए गए थे लेकिन अब ऐसी व्यवस्था न होने से ग्रामीणों को भीषण पेयजल समस्या से दोचार होना पड़ रहा है।

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बुधवार, 22 मई 2019

लखनऊ से फतेहपुर आयी खनन टीम का मौरंग खदान पर छापा बड़ी कार्यवाही , जलधारा से मौरंग निकालती मिली हैवी पोकलैंड मशीनें


Up Government Lucknow Mining team raided of Fatehpur on Silt mine,

Heavy Machines Found Large Proceedings, silt Water

लखनऊ से फतेहपुर आयी खनन टीम का मौरंग खदान पर छापा

बड़ी कार्यवाही , जलधारा से मौरंग निकालती मिली हैवी पोकलैंड मशीनें

फतेहपुर : जनपद में आज दोपहर मंगलवार को गाजीपुर थानाक्षेत्र के देवलान मौरंग खदान पर खनन निदेशक डॉ० रोशन जैकब व उनकी टीम ने छापा मारा , जिसमें मौरंग खदान में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं । लोगों में चर्चा यह भी रही कि यह  देवलान मौरंग खदान में जिले के एक बहुचर्चित मछली व्यवसायी के द्वारा लखनऊ स्तर पर की गई शिकायतों व एक मंत्री जी की पैरवी पर पहुंची थीं। 

मौरंग खदान में जांच करती लखनऊ से आई टीम

इस दौरान देवलान मौरंग खदान में खनन टीम भारी पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं , जिनकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई हैं , मौके पर माँ कालिंदी का सीना चीर कर जलधारा से मौरंग निकालने वाली नौ हैवी पोकलैंड मशीनें , व अवैध रूप से ओवरलोड मौरंग का परिवहन कर  रहें आठ ट्रकों पर कार्यवाही की गई हैं ।

उत्तर प्रदेश सरकार के खनन विभाग की टीम देवलान मौरंग खदान पहुंचने से अन्य खदान संचालकों में भी हड़कंप की स्थिति बनी रहीं , जिनमे कई मौरंग खदानों में मशीनों की गड़गड़ाहट व ट्रकों व ट्रैक्टरों का परिवहन भी ठप रहा ..

गाजीपुर थानाक्षेत्र के  देवलान मौरंग खदान में प्रमुख सचिव रोशन जैकब व उनकी टीम लगभग आधे घंटे तक मौजूद रहीं , अवैध खनन की जांच पर आई टीम ने मौरंग खदान पर अभिलेखों व रजिस्टरों को जांचा परखा व साथ ही एन.जी.टी. के नियमों को ताक पर रखकर खदान पर अवैध खनन कर रही प्रतिबंधित हैवी पोकलैंड मशीनों की वीडियोग्राफी व तसवीरें ली गई ।

खनन टीम ने इस मामले में जिलाधिकारी फतेहपुर संजीव कुमार सिंह को नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।

खनन निदेशक डॉ० रोशन जैकब के यहां से जाते ही जिलाधिकारी कार्यालय के निर्देश पर मौके पर खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता व स्थानीय लेखपाल व पुलिस पहुंची ..
जिसमें पुलिस ने खदान से दूर छिपाकर खड़ी की गई पोकलैंड मशीन बरामद की है। 
जांच के बाद एफआईआर दर्ज हो सकती है। 
खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता ने बताया जांच रिपोर्ट को सौंपी जाएगी। 
जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार ही अग्रिम कार्यवाही की जाएंगी।
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बुधवार, 15 मई 2019

गृहकलह के चलते सास - बहू की मौत

प्रतीकात्मक तस्वीर
Sas Bahu committed suicide because of house tribulation ..

गृहकलह के चलते सास - बहू की मौत 

फतेहपुर / असोथर : गृहकलह के चलते सास - बहू ने एक साथ बंद कमरे में फांसी लगा ली जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई। 

मामला असोथर थाना क्षेत्र के ग्राम कुसुम्भी का है। 

गांव निवासी रामचंद्र साहू की पत्नी सोनम और उसकी मां धनपतिया के बीच आए दिन किसी ने किसी बात को लेकर तकरार होती रहती थी। 
छोटी- छोटी बातों पर परिवार में तनाव हो जाता था। 
इसको लेकर सोनम और धनपतिया तनाव में रहने लगीं।
मृतका सास धनपतिया
हालांकि, रामचंद्र के पिता कामता अपनी पत्नी धनपतिया उम्र 50 वर्ष और बहू सोनम उम्र 25 वर्ष दोनों को ही बहुत समझाता था, लेकिन कलह का सिलसिला जारी रहा। 
मंगलवार को शाम फिर किसी बात को लेकर सास- बहू में झगड़ा हो गया। 
सोनम ने यह बात अपने पति को बताई। 
झगड़े के ज्यादा बढ़ने पर तनाव में आकर दोनों सास - बहू ने बंद कमरे में साड़ी से फांसी लगा लिया। 
इससे दोनों की हालत बिगड़ गई। और मौके पर ही दोनों ने दम तोड़ दिया।
परिजनों में चीखपुकार मच गई। 
गांव के और लोग भी जमा हो गए। गांव में एक साथ दो मौतों से गांव सहित क्षेत्र में मातम पसर गया।
घटना की सूचना पर पहुंचे असोथर थानाध्यक्ष हेमराज सरोज ने कमरे की दीवाल तुड़वाकर दोनो शवों को बाहर निकलवाया व शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा ।
मृतका बहू सोनम 
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गुरुवार, 9 मई 2019

केस दर्ज होने के बाद फरार हुआ फतेहपुर में तैनात दारोगा, सिपाही भी गैरहाजिर


केस दर्ज होने के बाद फरार हुआ फतेहपुर में तैनात दारोगा, सिपाही भी गैरहाजिर

गौरव सिंह गौतम 

फतेहपुर जनपद में दरोगा कालका प्रताप सिंह वर्तमान में चौकी प्रभारी राधानगर के पद पर तैनात है। 
तैनात दारोगा मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह फरार है। 
इतना ही नहीं प्रेमिका के आत्महत्या करने के बाद मृतका के परिवार ने दारोगा समेत उसे बड़े भाई विश्वनाथ प्रताप, चाचा जेपी सिंह और चचेरे भाई अरविंद पर भी नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था, जिनकी गिरफ्तारी के लिए फतेहपुर पुलिस ने मथुरा पुलिस की सहायता से दबिश दी, हालाँकि वे भी फरार हो गये।

प्रेमिका के आत्महत्या के बाद फंसा दारोगा और उसका परिवार:


दरअसल, प्रेमिका से शादी से मना करने के वाले दारोगा और उसके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। 
वहीं दारोगा पर ड्यूटी से गैरहाजिर होने को लेकर भी रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी हैं। 
इसके अलावा मथुरा निवासी उसके भाई, चाचा और चचेरे भाई के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम मथुरा भेजी गई है।

गिरफ्तारी के लिए मथुरा तक दबिश, सिपाही भाई भी फरार:


सर्विलांस से भी आरोपितों के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की जा रही है। कहा जा रहा है कि बर्खास्त सिपाही अरविंद के मथुरा में कई ठिकाने हैं। 
अरविंद आरोपी दारोगा कालका का चचेरा भाई है। 
मथुरा पुलिस से भी पकडऩे के लिए मदद मांगी गई है। 
मामले में एसपी प्रयागराज गंगापार एनके सिंह के मुताबिक़ आरोपितों की तलाश में टीम दबिश दे रही है और जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

यह था लेटर -


नमस्ते, मेरा नाम प्रिंशू सिंह है। यह लेटर मैं अपने पूरे होशोहवास में लिख रही हूं। 
आज एक मई 2019 को मैं गाड़ी में बैठकर यह लेटर लिख रही हूं। मैं प्रयागराज में कालका प्रताप के घर जा रही हूं। जब आप यह लेटर पढ़ रहे  होंगे तब शायद मैं इस दुनिया में नहीं होऊंगी। मेरा और कालका प्रताप, जिसे मैं बॉबी भी कहती हूं, उनसे परिचय फेसबुक से हुआ था। यह बात 2016 अगस्त महीने की है। धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई। कालका जब भोपाल मिलने आया और दोनों ने एक दूसरे को देखकर पसंद कर लिया। मां और दोस्त के साथ शादी की बात भी हुई। विवाह पर कालका को गिफ्ट में 20 लाख रुपये और चार पहिया वाहन देने की बात हुई। मथुरा के एक होटल में सगाई के दिन यह कहते हुए कालका ने शारीरिक संबंध बनाया कि अब शादी होनी ही है। भोपाल भी मिलने आता था और मुझे फतेहपुर भी बुलाता था। बॉबी सात से आठ साल बड़ा था। दोनों के रिश्ते पति-पत्नी की तरह थे। इसी दौरान बॉबी ने कहा कि वह झूंसी में मकान ले रहे हैं, लिहाजा कुछ और पैसे चाहिए।"शादी की तिथि तय हो गई। 28 अप्रैल 2019 को बॉबी ने मुझसे कहा कि पापा और अरविंद भैया शादी के लिए तैयार नहीं है। लेकिन बॉबी ने यह भी कहा कि मैं तुम्हारे साथ हूं। लेकिन आज एक मई 2019 को बड़े भैया ने शादी के लिए मना कर दिया। मेरा जीवन सबने मिलकर बर्बाद कर दिया। मेरी मौत के जिम्मेदार बॉबी के घर वाले हैं। मेरी भगवान से सिर्फ यही गुजारिश है कि इन सभी को किए की सजा मिले।""मैं अरिवंद प्रताप सिंह, बॉबी के चाचा जेपी सिंह और उनके बड़े भैया विश्वनाथ प्रताप सिंह की वजह से अपनी जान दे रही हूं। बॉबी ने मुझे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाया और आत्महत्या करने जैसी स्थिति में लाकर रख दिया।मुझे सिर्फ न्याय चाहिए। प्रिंशू ने पांच पेज के सुसाइड नोट में कुछ ऐसा ही लिखा है। पुलिस का कहना है कि छात्रा की हैंडराइटिंग से सुसाइड नोट का मिलान कराया जाएगा।"

शादी की खुशियां हो गईं काफूर


प्रिंशू का परिवार भोपाल के राजेंद्र नगर में कुछ साल से मकान बनवाकर रह रहा है। 
बेटी की सगाई तय होने के बाद स्टील कंपनी के सुपरवाइजर भरत सिंह समेत सभी लोग खुश थे। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। कार्ड भी रिश्तेदार और करीबियों को बांट रहे थे, लेकिन अचानक हुई इस घटना से शादी की खुशियां काफूर हो गईं। पिता, मां, भाई और छोटी बहन बिलखते रहे। परिजनों ने रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार किया।

सबके सामने ही खाया था जहर


पिता भरत सिंह का आरोप है कि जब वह दारोगा कालका और उसके परिजनों से बात कर रहे थे, तभी उनकी बेटी को धक्का मारकर भगाने की बात कही। इसी से परेशान होकर प्रिंशू ने जहर खा लिया। हालत बिगड़ पर कालका और उसके परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर से मौत की पुष्टि हुई है।


फतेहपुर कोतवाली थाने के प्रभारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि कालका प्रताप दो और तीन मई की छुट्टी लेकर घर गया था। यह बात सही है कि प्रिंशू से उसकी शादी तय हुई थी। 

Ex-MLA यौन शोषण कांड में चर्च‍ित थी छात्रा


पत्रकार‍िता की पढ़ाई कर चुकी एक छात्रा ने पांच पेज का सुसाइड नोट लिखकर जहर खाकर जान दे दी. 
लड़की की 15 मई को पुल‍िस इंस्पेक्टर से शादी होने वाली थी लेक‍िन दहेज की वजह से लड़की को सुसाइड के ल‍िए मजबूर होना पड़ा. बता दें क‍ि सुसाइड करने वाली लड़की प्र‍िंशु स‍िंह फरवरी  2018 में तब चर्चा में आई थी जब उसने कांग्रेस के पूर्व व‍िधायक हेमंत कटारे पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे लेक‍िन बाद में आरोप वाप‍िस ले ल‍िए थे ..
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रविवार, 28 अप्रैल 2019

आग की लपटों में जलकर स्वाहा हो गएं पांच घर गांव तक कच्चे रास्ते के खराब होने के कारण असोथर विजयीपुर मार्ग पर खड़ी रह गई दमकल विभाग की गाड़ी


आग की लपटों में जलकर स्वाहा हो गएं पांच घर

गांव तक कच्चे रास्ते के खराब होने के कारण असोथर विजयीपुर मार्ग पर खड़ी रह गई दमकल विभाग की गाड़ी


फतेहपुर : असोथर थानाक्षेत्र के मजरें सीर गांव में शाम को अचानक आग लग गई , अनुसूचित जाति बाहुल्य मजरें में अचानक आग लग जाने से पासवान बिरादरी के सुखराम पासवान , मुन्ना पासवान, पुत्तन पासवान, रामप्रसाद पासवान , होरीलाल उर्फ नेता के पांच घर जल कर स्वाहा हो गएं , जिनमें घर गृहस्थी सहित खाने पीने का सामान गेंहूं , चावल व जेवर , कपड़े  , साईकिल आदि जल गएं लोगों के अनुमान से लाखों का नुकसान हो गया हैं। 

प्रदेश और केंद्र की वर्तमान व पूर्व सरकारें विकास के चाहें लाख दावें करें पर जमीनी स्तर यह कोशो दूर है इसी का जीता जागता उदाहरण हैं असोथर ग्रामसभा का मजरा सीर लगभग 100 से 150 की दलित समाज की आबादी वाले गांव में विकास अभी कोशों दूर है ।


रविवार की शाम को अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग से पांच घर जल कर स्वाहा हो गएं ..
और फायर ब्रिगेड की गाड़ी के कच्चे रास्ते की बहुत खराब होने से गांव तक न पहुंचने पर वह गांव से 2 किलोमीटर दूर ही खड़ी रह गई .. और घर जल कर स्वाहा हो गएं ..
अगर समय से फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच जाती तो बच सकते थे घर ..



हालांकि गांववालों ने एकजुटता दिखाते हुए कुएं से बाल्टी रस्सी से पानी भर भर कर डाला तब  रात 10 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका ।
सूचना पर पहुंची डायल 100 , पुलिस टीम व थानाध्यक्ष असोथर को भी गांव तक पैदल ही जाना पड़ा ..
गांव में अभी तक तो न ही विद्युतीकरण योजना का लाभ मिला हैं , न ही सीर गांव तक जाने के लिए कोई रास्ता हैं ।

यहाँ तक की गांव में एक भी सरकारी नल नही हैं।


पांच परिवारों की घर गृहस्थी एक साथ जल जाने से घरों की महिलाएं व बच्चें रो रो कर लोगों से व्यथा बताती रहें ..
वही गांववालों उन पीड़ित परिवारों को इस दुख की घड़ी एक दूसरे को मदद करने का आश्वासन दिया ।

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फतेहपुर - बावन इमली 162 बरस पुरानी दास्तान एक महीने तक इमली के पेड़ में लटके रहें 52 शहीदों के शव

फतेहपुर - बावन इमली 162 बरस पुरानी दास्तान
एक महीने तक इमली के पेड़ में लटके रहें 52 शहीदों के शव

गौरव सिंह गौतम


फतेहपुर : 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी जब देश में फूटी तो इससे यूपी का फतेहपुर भी अछूता नहीं रहा।

यहां की माटी में जन्मे लालों ने गोरों से गुरिल्ला युद्ध कर उनके पैर उखाड़ने शुरू कर दिए थे और फतेहपुर जिले का 32 दिनों तक अझुआ से खजुहा तक का क्षेत्र अंग्रेजों से मुक्त था। 
इस लड़ाई के एक योद्धा वीर सपूत थे बिंदकी के अटैया रसूलपुर (अब पधारा) गांव के 

"ठाकुर जोधा सिंह अटैया"

छापामार युद्ध में पारंगत जोधा सिंह अटैया ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया.
अवध व बुंदेलखंड के क्रांतिकारियों के संपर्क आए . जोधा सिंह ने 27अक्टूबर 1857 को महमूदपुर गांव में एक दरोगा व एक अंग्रेज सिपाही को घेरकरमार डाला था, जब वह एक घर में सो रहा था .
7 दिसंबर 1857 को गंगापार रानीपुर पुलिस चौकी पर हमला कर एक अंग्रेज परस्त को भी मार डाला और रानीपुर गांव में बनी पुलिस चौकी के घोड़े हांक ले गए। 
इसी क्रांतिकारी गुट ने 9 दिसम्बर को जहानाबाद में गदर काटी और छापा मारकर ढंग से तहसीलदार को बंदी बना लिया .
जोधा सिंह ने दरियाव सिंह और शिवदयाल सिंह के साथ गोरिल्ला युद्ध की शुरुआत की थी 

4 फरवरी 1858 को जोधा सिंह अटैया पर ब्रिगेडियर करथ्यू ने असफल आक्रमण किया .

साहसी जोधा सिंह अटैया को सरकारी कार्यालय लूटने एवं जलाये जाने के कारण अंग्रेजों ने उन्हें डकैत घोषित कर दिया

जोधा सिंह ने आवागमन की सुविधा को देखते हुए क्रान्तिकारियों ने खजुहा को अपना केन्द्र बनाया ..
किसी देशद्रोही मुखबिर की सूचना पर प्रयागराज से कानपुर जा रहे कर्नल पावेल ने इस स्थान पर एकत्रित क्रान्ति सेना पर हमला कर दिया ...
कर्नल पावेल उनके इस गढ़ को तोड़ना चाहता था .
पर जोधासिंह की योजना अचूक थी 
उन्होंने गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का सहारा लिया, जिससे कर्नल पावेल मारा गया 
अब अंग्रेजों ने कर्नल नील केे नेतृत्व में सेना की नयी खेप भेज दी। 
इससे क्रान्तिकारियों को भारी हानि उठानी पड़ी ..
इस बीच अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले इस वीर सपूत को खबर मिली कि वीर योद्धा ठाकुर दरियाव सिंह को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया ..
इसके बाद भी जोधासिंह का मनोबल कम नहीं हुआ .

उन्होंने नये सिरे से सेना के संगठन, शस्त्र संग्रह और धन एकत्रीकरण की योजना बनायी। इसके लिए उन्होंने छद्म वेष में प्रवास प्रारम्भ कर दिया; पर देश का यह दुर्भाग्य रहा कि वीरों के साथ-साथ यहाँ देशद्रोही भी पनपते रहे हैं ..
जब जोधासिंह  अटैया अरगल नरेश से संघर्ष हेतु विचार-विमर्श कर खजुहा लौट रहे थे, तो किसी मुखबिर की सूचना पर ग्राम घोरहा के पास अंग्रेजों की घुड़सवार सेना ने उन्हें घेर लिया। तभी उनको व उनके 51 क्रांतिकारी साथियों को 28 अप्रैल 1858 को कर्नल क्रस्टाइल की घुड़सवार सेना ने बंदी बना लिया ..
इसके बाद पारादान के पास स्थित इसी इमली के पेड़ पर सभी को फांसी दे दी गई ..
तब से इस इमली के पेड़ को बावनी इमली के नाम से पुकारा जाता है ..
उस वक्त अंग्रेजों का इतना खौफ था कि किसी ने इन शहीदों के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया ..
सभी शव कंकाल एक माह तक पेड़ पर ही झूलते रहे .

तब लगभग  3/4 जून 1858 की रात में रामपुर पहुर निवासी ठाकुर महराज सिंह ने 900 साथियों के साथ सभी के अस्थि पंजर उतरवाए और शिवराजपुर गंगा घाट में अंतिम संस्कार किया .. 
आज भी यहां भारत मां के इन अमर सपूतों को याद किया जाता है ..
तब से बावनी इमली का यह वृक्ष तीर्थ बन गया है..
🙏
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