मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

सपा में टिकट को लेकर घमासान, फतेहपुर सीट पर अटकलों का दौर जारी; रेस में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर ये दिग्गज नेता हैं शामिल



✍️ Gaurav Singh Gautam 

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को लेकर मंगलवार को भी दिनभर अटकलों का दौर जारी रहा। इंटरनेट मीडिया पर फतेहपुर लाेकसभा सीट के प्रत्याशी का टिकट होल्ड होने से संबंधित संदेश दिनभर प्रसारित होते रहे।


फतेहपुर के कई नेताओं ने लखनऊ में डाला डेरा


फतेहपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  नरेश उत्तम का टिकट तय माना जा रहा था , पर टिकट वितरण में लगातार देरी होने से तरह तरह चर्चाओं का माहौल बाजार में गर्म हैं। सपा से टिकट की दौड़ में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और पूर्व सांसद डॉक्टर अशोक पटेल की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है। हालांकि बसपा से प्रत्याशी आने के बाद अब सपा दूसरे विकल्प के रूप में जनरल कैटेगरी पर भी दांव लगा सकती है।

इस समय लोकसभा टिकट की मांग करते हुए जिलें की कई कद्दावर नेताओं  लखनऊ में डेरा जमा लिया हैं ।


बहुजन समाज पार्टी ने ओबीसी कार्ड खेला है। इस सीट पर बसपा ने कानपुर देहात के रहने वाले डॉ. मनीष सचान पर भरोसा जताया हैं। हालांकि मनीष सचान फतेहपुर लोकसभा सीट के लिए नए चेहरे के रूप में चुनावी मैदान में है। बसपा से इनका टिकट कंफर्म होने के बाद से जिले के सपाइयों के साथ अब जनता में भी सपा प्रत्याशी को लेकर सियासी पारा हाई हो गया है।

वही बीजेपी ने निषाद समाज में अच्छी पकड़ रखने वाली 2014 और 2019 के चुनावों में लगातार दो बार जीत दर्ज करने वाली निवर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को तीसरी बार मैदान में उतारा है।


समाजवादी पार्टी ने फतेहपुर लोकसभा सीट और राबर्ट्सगंज सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों सीटों पर 25 अप्रैल तक पार्टी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है.


पार्टी के साथ बंधकर नहीं रहा मतदाता


फतेहपुर सीट का मुकाबला हमेशा रोचक रहा है। फतेहपुर लोकसभा सीट से वीपी सिंह चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे, फतेहपुर सीट पर मतदाताओं ने सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को लोकसभा तक पहुंचाया है।


फतेहपुर लोकसभा सीट में अब तक 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस पांच बार, चार बार भाजपा, दो बार जनता दल और दो बार बसपा के साथ ही सपा, लोकदल ने एक-एक बार और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में गौरी शंकर ने एक बार जीत हासिल की है।

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