कौन हैं ये बुजुर्ग जो रेलवे स्टेशन पर दिखते है फिल्मी अंदाज में !
इस अजीब नज़ारे को देखकर हर कोई हैरत में पड़ जाता है जब बड़ी बड़ी मूंछो वाला एक 80 वर्षीय बुजुर्ग एक रेलवे स्टेशन पर कुर्सी डालकर बैठता है और साथ में होते हैं कई गनर और सैकड़ो लोगों का हुजूम .आइये जानते क्या है पूरा मामला .
दरसल ये बुजुर्ग और कोई नही कुंडा से निर्दलीय विधायक राजा भैया के पूज्नीय पिता जी भदरी नरेश श्री महाराजा उदय प्रताप सिंह जी है. जो की शुरू से ही एक कट्टर हिन्दू छवि वाले व्यक्ति रहे हैं और इस उम्र में भी वो सनातन धर्म के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई देते हैं…
दरसल महाराज उदय सिंह जी कुंडा रेलवे स्टेशन पर कई सालों से वो पुण्य कार्य कर रहे हैं जो कार्य सरकारें व बड़ी बड़ी सामाजिक संस्थाएं भी नही कर सकती .
महाराजा उदयप्रताप जी कई वर्षों से प्रतिदिन कुंडा स्टेशन पर रेलवे यात्रियों को मुफ्त में { पानी – लस्सी – छाछ – नाश्ता- खाना} आदि का भंडारा करते हैं..
जिसे देखकर सभी लोग हैरत में पड़ जाते हैं कि कैसे कोई इंसान इतना बड़ा दान कर सकता है वो भी लगातार बर्षो तक सब जानते है कि अब राजतन्त्र नही रहा जनतन्त्र आने पर राजाओ की लगभग सारी सम्पत्ति सरकार ने लेली थी .
फिर भी आज वही राजाओ वाला रुतबा और त्याग आज के समय मे रखना बहुत ही बड़ी बात है .
इस पर महाराज उदय प्रताप सिंह जी का बस इतना ही कहना होता है कि मानव सेवा ही सनातन धर्म है .
मैं वही कर रहा हूँ
दरसल महाराज उदय सिंह जी कुंडा रेलवे स्टेशन पर कई सालों से वो पुण्य कार्य कर रहे हैं जो कार्य सरकारें व बड़ी बड़ी सामाजिक संस्थाएं भी नही कर सकती .
महाराजा उदयप्रताप जी कई वर्षों से प्रतिदिन कुंडा स्टेशन पर रेलवे यात्रियों को मुफ्त में { पानी – लस्सी – छाछ – नाश्ता- खाना} आदि का भंडारा करते हैं..
जिसे देखकर सभी लोग हैरत में पड़ जाते हैं कि कैसे कोई इंसान इतना बड़ा दान कर सकता है वो भी लगातार बर्षो तक सब जानते है कि अब राजतन्त्र नही रहा जनतन्त्र आने पर राजाओ की लगभग सारी सम्पत्ति सरकार ने लेली थी .
फिर भी आज वही राजाओ वाला रुतबा और त्याग आज के समय मे रखना बहुत ही बड़ी बात है .
इस पर महाराज उदय प्रताप सिंह जी का बस इतना ही कहना होता है कि मानव सेवा ही सनातन धर्म है .
मैं वही कर रहा हूँ
शायद इसी त्याग और भाव के लिए लोग बड़े महाराज को पूजते हैं.
और इसलिये समाज उन्हें और राजा भैया को गरीबों का मसीहा कहता हैं..
क्योंकि यही छवि आज राजा भैया में भी दिखती है .
और राजा भैया द्वारा किये गए 800 से ज्यादा गरीव कन्यायों के विवाह- निकाह इस बात का जीता जागता उदाहरण है….
हमे गर्व है कि भारत मे अभी भी ऐसे महान लोग हैं जो सनातनी परम्परा को जीवित बनाये हुए हैं.
और इसलिये समाज उन्हें और राजा भैया को गरीबों का मसीहा कहता हैं..
क्योंकि यही छवि आज राजा भैया में भी दिखती है .
और राजा भैया द्वारा किये गए 800 से ज्यादा गरीव कन्यायों के विवाह- निकाह इस बात का जीता जागता उदाहरण है….
हमे गर्व है कि भारत मे अभी भी ऐसे महान लोग हैं जो सनातनी परम्परा को जीवित बनाये हुए हैं.