सोमवार, 3 जुलाई 2023

अंधाधुंध बिजली कटौती से चरमराई बिजली व्यवस्था , किसान जनता त्रस्त



फतेहपुर - सूबे की योगी सरकार भलें ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घण्टे बिजली देने का सरकारी दावा कर रही हैं पर देखा जाय तो धरातल पर जिले की बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हैं योगी सरकार के दावे फेल दिख रहे हैं , इन दिनों रुक रुक हो रही बरसात व उमस भरी गर्मी में बिजली विभाग आम जनता को पांच से छह घंटे भी नही दे पा रहा है ।
असोथर उपकेंद्र के नरैनी फीडर की पिछले एक पखवारे से जारी बेतहाशा कटौती ने लोगों का सुख चैन छीन लिया है।दिन में अंधाधुंध कटौती से जरूरी काम प्रभावित हो रहे हैं। तो रात में बिजली न मिलने से नींद पूरी नहीं हो रही। मनमानी कटौती से शेड्यूल का कोई मतलब नहीं रह गया है। एक बार बिजली चली गई तो कब आएगी कोई भरोसा नहीं।पूरे इलाके में मुश्किल से छः घंटे बिजली मिलने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
वही असोथर जरौली पंप कैनाल की बिजली आपूर्ति बाधित होने से असोथर क्षेत्र के किसान कुलदीप भदौरिया, राजेश शिवहरे , रामचंद्र , सत्यदेव सिंह , वैभव सिंह आदि ने कहा कि अघोषित कटौती से किसान भी भीषण गर्मी में खेतों की सिंचाई को लेकर चिंतित हैं। 

वहीं घरों में लगे बिजली के उपकरण भी शोपीस बनकर रह गये हैं।
दिन में सुबह 11 बजे से शाम छह बजे और रात में 12 बजे तक बिजली आपूर्ति की आवाजाही लगातार बनी रहती है। 
निर्धारित समय के अलावा घंटों कटौती किया जाना आम बात है। ऐसे में बड़ी मुश्किल से क्षेत्र को छः से सात घंटे तक ही बिजली मिल रही है।

आपूर्ति के समय लोकल फाल्ट हो गया तो दिन भर बिजली के दर्शन नहीं होते। लो वोल्टेज के चलते बिजली रहने ना रहने का कोई मतलब नहीं। लगातार बदतर हो रही स्थिति से लोग काफी गुस्से में हैं। ग्रामीण इलाको में सबसे ज्यादा दिक्कत पानी की है।

हैंडपंप अधिसंख्य गाँवो में लगे नहीं हैं। 
जहां हैं भी तो खराब पड़े हैं। हालत यह है कि आधी रात को भी बिजली आई तो पानी भरने के लिए उठना मजबूरी हो जा रही है। नहीं उठ पाए तो पानी के लिए तरस गए।

असोथर उपकेंद्र पर कर्मचारियों की कमी

केवल दो कर्मचारियों के भरोसे चल रहा जर्जर नरैनी फीडर , वर्षो पुरानी जर्जर तार आएं दिन टूट रही हैं और उसको ठीक करने के लिए केवल दो लाइनमैनों के भरोसे पूरा फीडर चल रहा है , जबकि इसी फीडर से यमुना तटवर्तीय सरकंडी , सैबंसी व सातों धरमपुर , जोगा , मनावाँ , कौंडर , पुर बुजुर्ग , सुजानपुर , विधातीपुर , व एक दर्जन अन्य गांवों की बिजली इसी जर्जर फीडर के भरोसे चल रही हैं, रात्रि में कभी अगर किसी गांव में ट्रांसफार्मर में आग लग जाती है तो कभी कोई और फाल्ट।
बिजली कटौती की शिकायत लेकर शाम के बाद शायद ही कोई फाल्ट बने ,यही हाल जिम्मेदार अधिकारियों के जिनके सीयूजी नंबर अधिकतर स्विच ऑफ या नॉट रीचबल रहते हैं ..
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