शनिवार, 2 मार्च 2019

निखरी त्वचा के लिए कुछ आसान सरल उपचार


निखरी त्वचा के लिए कुछ आसान सरल उपचार

साफ-दमकते चेहरे की चाह तो हम सब को होती है, पर हमें पता नहीं होता कि इसके लिए हमें क्या करना है। आइए जानते हैं निखरी त्वचा के लिए कुछ आसान से टिप्स –



  • 1. चेहरे को सही ढंग से धोएं- सबसे पहले हाथों को अच्छे से धोएं। फिर अपनी स्किन के हिसाब से फेस वाश लगाएं। अंत में साफ तौलिए से चेहरा थपथपाकर पोछें।

  • 2. टोनर से निकाले बची गंदगी- फेस वॉश कितना भी अच्छा हो, हमारी त्वचा के रोमछिद्रों में से सारी गंदगी और तेल नहीं निकाल पाता है। इसलिए चेहरा धोने के बाद रुई में टोनर लेकर इससे चेहरे को हल्के हाथों से पोछें। ध्यान रहे टोनर लगाने के बाद चेहरा धोए बिल्कुल नहीं।

  • 3. हाइड्रेशन है जरूरी- इसके लिए सबसे अच्छा है एलोवेरा जेल। इसे बिल्कुल थोड़ा सा लेकर चेहरे पर लगाएं और थपथपाकर छोड़ दें। इससे त्वचा को जरूरी नमी मिल जाएगी, साथ ही यह बहुत से स्किन प्रॉब्लम को ठीक करने में मदद करेगा।

  • 4. मॉइस्चराइजर को नजरअंदाज ना करें- अब मार्केट में हर तरह की स्किन के लिए मॉइश्चराइजर उपलब्ध है। इसका एक फायदा यह भी है कि इससे सनस्क्रीन के केमिकल्स हमारी त्वचा के सीधे संपर्क में नहीं आते।

  • 5. सनस्क्रीन के बिना घर के बाहर? सवाल ही नहीं- सनस्क्रीन हमेशा धूप में निकलने से 20 मिनट पहले ही लगाएं। कम से कम SPF 15 का सनस्क्रीन जरूर लगाएं। अगर आपकी उम्र ज्यादा है या आप को धूप के संपर्क में ज्यादा देर रहना है तो SPF बढ़ा लें।

  • 6. चेहरे को धूप के सीधे संपर्क से बचाना- सिर्फ सनस्क्रीन लगाना ही काफी नहीं है। धूप में निकलने के पहले चेहरे को दुपट्टे से ढक लें, छाता ले लें या फिर टोपी पहन लें।

  • 7. मेहनत लाएगी रंग- दिन के 24 घंटे में से आप अपने लिए 20 मिनट तो व्यायाम के लिए जरूर ही निकाल सकते हैं। इससे ना सिर्फ आप स्वस्थ रहेंगे, बल्कि आपके चेहरे पर भी एक अद्भुत चमक और लाली आ जाएगी।

  • 8. थोड़े से पोषण में बहुत सा जादू- हम बाहर से कितना भी ख्याल रख लें, बिना अंदरूनी चमक के हमारी सारी मेहनत अधूरी रह जाएगी। अपने खाने में रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों का सेवन करें। अगर आप फास्ट फूड के बहुत शौकीन हैं तो कोशिश करें कि हर बार फास्ट फूड खाने के पहले एक फल जरूर खाएं। इससे ना सिर्फ आप फास्ट फूड कम खाएंगे, बल्कि आपके शरीर को पोषण भी मिलेगा।

  • 9. दिन भर की गंदगी बिस्तर तक,ना बाबा ना!- आप कितनी भी थकी हो रात को चेहरा धोए बिना बिल्कुल नहीं सोयें। मात्र 5 मिनट लगेंगे फेस वाश और टोनर लगाने में और 1 मिनट मॉश्चराइजर लगाने में, लेकिन हर दिन के इस 6 मिनट से कुछ ही हफ्तों में आपकी स्किन का टेक्सचर बहुत सुधारने लगेगा।  

स्किन से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें और पोस्ट पसंद आया तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।
Continue reading

अब आसमान से पाकिस्तान पर नजर रख रहा है भारत…पाकिस्तान में कहां क्या हो रहा सब HD में दिखता है


अब आसमान से पाकिस्तान पर नजर रख रहा है भारत…पाकिस्तान में कहां क्या हो रहा सब HD में दिखता है


 पाकिस्तान में अगर पत्ता भी हिलता है तो भारत की सेना को इसको खबर लग जाती है। और ऐसा इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के सैटेलाइट्स के जरिए होता है। इसरो सैटेलाइट्स पाकिस्तान के चप्पे-चप्पे की खबर रखते हैं और सेना से साझा करते हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान के कुल 8.8 लाख वर्ग किमी में से 7.7 लाख वर्ग किमी की निगरानी इसरो करता है और इनकी एचडी मैपिंग कर सेना कमांडरों तक पहुंचाता है। इतना ही नहीं, ये सैटेलाइट्स एचडी क्वालिटी की फोटोज सेना तक पहुंचाते हैं, जिसका इस्तेमाल सेना की जमावट और रक्षा रणनीति के तहत किया जाता है। बता दें, इसरो इस वक्त 14 देशों के कुल 55 लाख किमी के हिस्से पर रख रहा है, लेकिन चीन के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है।
पाकिस्तान में घुसकर दो सफल सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के बाद ये कहने का मतलब है कि आ’तंक के आकाओं को छिपाए रखने के लिए पाकिस्तान चाहे जितना भी झूठ बोले, उनसे जुड़ी पल-पल की जानकारी भारत के पास मौजूद है। भारतीय सेना को ये ताकत इसरो (ISRO) के कारण मिली है, जिसने हाल के वर्षों में स्पेस टेक्नोलॉजी में दुनिया में भारत का लोहा मनवाया है। आज हमारे सैटेलाइट्स पाकिस्तान की 87% जमीन की चप्पे-चप्पे की जानकारी जुटाने में सक्षम हैं और वो भी हाई डेफिनेशन क्वालिटी वाली तस्वीरों और वीडियो के साथ।
Continue reading

मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019

मौत का दूसरा नाम है ये 5 दवाइयां.. विदेशों में तो बैन है लेकिन अपने भारत में हर इंसान खाता है


मौत का दूसरा नाम है ये 5 दवाइयां.. विदेशों में तो बैन है लेकिन अपने भारत में हर इंसान खाता है



हर किसी को मालूम है कि भारत का कानून बहुत ही लचीला है। इसे कोई भी तोड़-मरोड़ कर अपने तरीके से यूज़ कर लेता है। इसलिए तो हर वो चीज जो विदेशों में बैन होती हैं वो भारत में लीगली चल रही हैं। फिर चाहे कोई साबु हो या दवाई। आज हम आपको कुछ ऐसी दवाईयों के बारे में बताने जा रहे हैं जो विदेशों में तो बैन है लेकिन हम भारतीय खाने की तरही इनका सेवन कर अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं।



डिस्प्रिन

डिस्प्रिन एक दर्द निवारक दवा जो विदेशों में नहीं ये दर्द निवारक गोली विदेशों में मानकों पर खरी नहीं उतरी, इसलिए वहां इसे बैन कर दिया गया।



डीकोल्ड

कोल्ड और फ्लू ठीक करने वाली ये गोली आपको किडनी से रिलेटेड बीमारियां दे सकती है। इसलिए इसे विदेशों में बैन कर दिया गया है।

विक्स

विक्स को यूरोपियन देशों में इसलिए बैन किया गया है क्योंकि उनका मानना है कि विक्स स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। लेकिन भारत में यह हर मेडिकल स्टोर और जनरल स्टोर रूम पर उपलब्ध है। और भारतीय लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं।



निमुलिड

निमुलिड भी भारत में कॉमन पेन किलर है, बदन दर्द होने पर लोग डॉक्टर की बजाय पेन किलर लेने भागते हैं। यह दवा अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेने और ऑस्ट्रेलिया जैसे कईं देशों में इस दवा पर बैन लगाया गया है, क्यूंकि ये दवा लीवर के लिये बहुत घातक होती है।

Input : Live Bihar
Continue reading

मात्र 5 दिन खा लें पीपल का पत्ता,जिंदगी में कभी नहीं आएगा हार्टअटैक-खाने का सही तरीका जान लीजिए


मात्र 5 दिन खा लें पीपल का पत्ता,जिंदगी में कभी नहीं आएगा हार्टअटैक-खाने का सही तरीका जान लीजिए


हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे है जिसके पत्तों के प्रयोग से हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं आपको फिर कभी हार्ट अटैक का डर नही सताएगा।



इस पत्ती का 5 दिन आप नियमित रूप से प्रयोग करेंगे तो आपको कभी भी हार्ट अटैक की समस्या नही होगी क्योंकि जीवन से बढ़कर कुछ नही है और भी जो बीमारियां है उनके लिए भी सहायक है ये पत्तियां जो आपकी बीमारियों को खत्म कर देगी यह पत्तियां इतनी लाभकारी है कि आपके हर रोग को खत्म कर सकती है। तो चलिये जानते है इस पत्ती का नाम। जिस पत्ती की बात कर रहे थे वो पीपल की पत्ती है।


पीपल की पत्ती से अनेको फायदे है जो हमारे शरीर को फायदा पहुँचाते हैं।यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक की शिकायत हो तो वह इस पीपल की पत्ती का सेवन करे यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी और दुबारा होने की संभावना नही रहेगी लेकिन इसकी पत्तियों का नियमित तरीके से ही सेवन करे और फिर इसके फायदे आपको पता चलेंगे।

पीपल की 10 से 12 हरी पत्तियो अर्थात कोमल पत्तियां लेनी है और फिर इन पत्तियों को 1 गिलास पानी मे उबाल लीजिये और इसको तबतक उबालते रही जब पानी का एक तिहाई हिस्सा न हो जाए जब पानी एक तिहाई ठंडा हो जाये तो इसे छानकर तीन भागों में कर ले फिर इस आपको 3 से 4 घण्टे के अंतराल पर सुबह और शाम को पीना है। लगातार इसे 5 दिन तक पीना है इससे हार्ट अटैक सम्बंधित बीमारी से आप हमेशा के लिए छुट्टी पा जाएंगे और भी शरीर की बीमारियां भी खत्म हो जाएंगी यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से परेशान है तो पीपल की कोमल पत्ती का काढ़ा बना कर पी सकता है जो कि बिल्कुल भी नुकसान नही करता।

Input : Live Bavaal
Continue reading

आंवला से पुरानी से पुरानी बवासीर को 72 घंटे में होती हैं ठीक ..बस खाने का सही तरीका जान लीजिए

 
आंवला से पुरानी से पुरानी बवासीर को 72 घंटे में होती हैं ठीक ..बस खाने का सही तरीका जान लीजिए

आंवला को हर मर्ज की दवा भी कहा जाता है। कहते हैं, बुजुर्गो की बात का और आंवले के स्वाद का पता बाद में चलता है।
आंवला को प्राचीन आयुर्वेदिक प्रणाली में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए लगभग पांच हजार साल से प्रयोग किया जा रहा है। इसका नियमित सेवन दिल की बीमारी, मधुमेह, बवासीर, अल्सर, दमा, ब्रॉन्काइटिस तथा फेफड़ों की बीमारी में राम बाण का काम करता है।



पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आंवला के सेवन से बुढ़ापा दूर रहता है, यौवन बरकरार रहता है, पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, आंखों की रोशनी, स्मरणशक्ति बढ़ती है, त्वचा और बालों को पोषण प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि दीर्घायु के लिए आंवला चूर्ण रात के समय घी, शहद अथवा पानी के साथ सेवन करना चाहिए। इसी तरह आंवला चूर्ण 3 से 6 ग्राम लेकर आंवले के स्वरस और 2 चम्मच मधु और 1 चम्मच घी के साथ दिन में दो बार चटाकर दूध पीयें, इससे बुढ़ापा जाता है, यौवनावस्था प्राप्त होती है।

उन्होंने कहा कि आंवला, रीठा, शिकाकाई तीनों का काथ बनाकर सिर धोने से बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं। सूखे आंवले 30 ग्राम, बहेडा 10 ग्राम, आम की गुठली की गिरी 50 ग्राम और लोह चूर्ण 10 ग्राम रातभर कढ़ाई में भिगोकर रखें तथा बालों पर इसका प्रतिदिन लेप करने से छोटी आयु में श्वेत हुए बाल कुछ ही दिनों में काले पड़ जाते हैं। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आंवले के 20 मिलीलीटर रस में 5 ग्राम शक्कर और 10 ग्राम शहद पीने से योनिदाह में अत्यंत आराम होता है। इसी तरह आंवले के बीज 3 से 6 ग्राम जल में ठंडाई की तरह पीस-छानकर उसमें शहद व मिश्री मिलाकर पिलाने से तीन दिन में ही श्वेतप्रदर में विशेष लाभ होता है।



कुछ बीमारियों में आंवले के प्रयोग की विधि : नेत्ररोग : 20-50 ग्राम आंवलों को जौकुट कर दो घंटे तक आधा किलोग्राम पानी में औटाकार उस जल को छानकर दिन में तीन बार आंखों में डालने से नेत्र रोगों में लाभ मिलता है।

नकसीर : जामुन, आम तथा आंवले को बारीक पीसकर मस्तक पर लेप करने से नासिका में प्रवृत रक्त रुक जाता है।

स्वर भेद : अजमोदा, हल्दी, आंवला, यवक्षर, चित्राक, इनको समान मात्रा में मिला लें, 1 से 2 ग्राम चूर्ण को 2 चम्मच मधु तथा 1 चम्मच घृत के साथ चाटने से स्वर भेद दूर होता है।

हिचकी : आंवला रस 10-20 ग्राम और 2-3 ग्राम पीपर का चूर्ण 2 चम्मच शहद के साथ दिन में दो बार सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है। वमन : हिचकी तथा उल्टी में आंवले का 10-20 मिलीलीटर रस 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर देने से आराम होता है। यह दिन में दो-तीन बार दिया जा सकता है।



अम्लपित्त : 1-2 नग ताजा आंवला मिश्री के साथ या आंवला स्वरस 25 ग्राम समभाग शहद के साथ सुबह-शाम लेने से खट्टी डकारें, अमल्पित्त की शिकायतें दूर हो जाती हैं। पीलिया : यकृत की दुर्बलता व पीलिया निवारण के लिए आंवले को शहद के साथ चटनी बनाकर सुबह-शाम लिया जाना चाहिए।

कब्ज : यकृत बढ़ने, सिरदर्द, कब्ज, बवासीर व बदहजमी रोग से आंवला से बने त्रिफला चूर्ण को प्रयोग किया जाता है।

बवासीर : आंवला को पीसकर उस पीठी को एक मिट्टी के बर्तन में लेप कर देना चाहिए। फिर उस बरतन में छाछ भरकर उस छाछ को रोगी को पिलाने से बवासीर में लाभ होता है। बवासीर के मस्सों से अधिक रक्तस्राव होता हो, तो 3 से 8 ग्राम आंवला चूर्ण का सेवन दही की मलाई के साथ दिन में दो-तीन बार करना चाहिए। ऐसा करने से 72 घंटों में पुराने से पुरानी बवासीर ठीक हो जाएगी

अतिसार : 5-6 नग आंवलों को जल में पीसकर रोगी की नाभि के आसपास लेप कर दें और नाभि की थाल में अदरक का रस भर दें। इस प्रयोग से अत्यन्त भयंकर अतिसार का भी नाश होता है। कुष्ठ : आंवला और नीम के पत्ते को समभाग में महीन चूर्ण करें। इसे 2 से 6 ग्राम या 10 ग्राम तक रोजाना सुबह चाटने से भयंकर गलित कुष्ठ में भी शीघ्र लाभ होता है।

खुजली : आंवले की गुठली को जलाकर भस्म करें और उसमें नारियल तेल मिलाकर गीली या सूखी किसी भी प्रकार की खुजली पर लगाने से लाभ होता है।
Continue reading

शुक्रवार, 25 मई 2018

एचआईवी एड्स से भी खतरनाक हैं निपाह वायरस .. आखिर क्या हैं ? ये नई जानलेवा बीमारी


एचआईवी एड्स से भी खतरनाक हैं 
निपाह वायरस ..
आखिर क्या हैं ? ये नई जानलेवा बीमारी


पूरे देश सहित केरल राज्य में सनसनी मचाने वाली आखिर नई बीमारी क्या हैं ?


हाल ही में केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में निपाह वायरस (NiV) के फैलने की पुष्टि की है. 
डॉक्टरों की टीम द्वारा पीड़ित व्यक्तियों के रक्त तथा शारीरिक तरल द्वारा किये गये परीक्षण से इस वायरस की पुष्टि हुई है. 
निपाह वायरस को केरल के कोझिकोड़ जिले में दर्ज किया गया जहां दोनों पीड़ितों की मृत्यु हो गई.

मीडिया द्वारा प्रकाशित जानकारी के अनुसार अब तक राज्य में कुल एक दर्जन से अधिक लोगों की निपाह वायरस से मृत्यु हो चुकी है जबकि कुछ अन्य लोग अस्पतालों में भर्ती हैं लेकिन उनके इस वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि नहीं की गई है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नई दिल्ली से केरल भेजी है. जे पी नड्डा ने नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल के निदेशक को निर्देश दिया कि वे प्रभावित जिलों का दौरा कर आवश्यक कदम उठायें.


(H.I.V) एड्स से भी ज्यादा खतरनाक 


जी हां सही पढ़ा आपने यह खतरनाक वायरस एड्स जैसी गंभीर बीमारी से भी ज्यादा खतरनाक हैं 
इस वायरस से संक्रमित रोगी की एक सप्ताह के बीच जान जा सकती हैं 
जबकि एड्स से संक्रमित रोगी वर्षों तक जीवित रहते हैं


निपाह वायरस (NiV) क्या है? 


यह एक ऐसा इंफेक्शन है जो फल खाने वाले चमगादड़ों द्वारा मनष्यों को अपना शिकार बनाता है. यह इंफेक्शन सबसे पहले सुअरों में देखा गया लेकिन बाद में यह वायरस इंसानों तक भी पहुंच गया. वर्ष 2004 में बांग्लादेश में इंसानों पर निपाह वायरस ने हमला करना शुरू किया था. निपाह वायरस चमगादड़ों द्वारा किसी फल को खाने तथा उसी फल को मनुष्य द्वारा खाए जाने पर फैलता है. इसमें अधिकतर खजूर एवं ताड़ी शामिल है.


निपाह वायरस कैसे फैलता है?


•    विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस चमगादड़ से फैलता है. इन्हें फ्रूट बैट भी कहते हैं. 

•    जब यह चमगादड़ किसी फल को खा लेते हैं और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है तो संक्रमित हो जाता है.

•    निपाह वायरस इंसानों के अलावा जानवरों को भी प्रभावित करता है. 

•    अब तक इसकी कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है. 

•    इससे संक्रमित व्यक्ति का डेथ रेट 74.5 प्रतिशत होता है.

•    पहली बार इस वायरस पता डॉ. कॉ बिंग चुआ ने 1998 में लगाया था. उस दौरान डॉ. बिंग मलेशिया की यूनिवर्सिटी ऑफ़ मलाया से स्नातक कर रहे थे.


निपाह वायरस नाम कैसे पड़ा?


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वर्ष 1998 में मलेशिया में पहली बार निपाह वायरस का पता लगाया गया था. 
मलेशिया के सुंगई निपाह गांव के लोग सबसे पहले इस वायरस से संक्रमित हुए थे. 
इस गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा. 
उस दौरान ऐसे किसान इससे संक्रमित हुए थे जो सुअर पालन करते थे.





डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट


निपाह वायरस जानवरों और इंसानों में पाया जाने वाला एक नया तथा गंभीर इंफेक्शन है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार निपाह वायरस का जन्म टेरोपस जीनस नामक एक खास नस्ल के चमगादड़ से हुआ है. पहले इसके लक्षण सूअरों में देखने को मिले थे, वर्ष 2004 में इंसानो में भी इसके लक्षण पाए गए.


निपाह वायरस के लक्षण


मनुष्यों में निपाह संक्रमण एन्सेफलाइटिस से जुड़ा हुआ है. इसमें मस्तिष्क की सूजन, बुखार, सिरदर्द, उनींदापन, विचलन, मानसिक भ्रम, कोमा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. 
इनसे रोगी की मौत भी होने का खतरा बना रहता है. निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है अथवा उसकी मृत्यु हो सकती है.


उपचार 



हालांकि अभी तक इस खतरनाक वायरस का कोई समुचित इलाज विश्व के प्रमुख स्वास्थ्य संगठन नही खोज पाएं ..
न ही अभी तक वायरस से उपचार के लिए कोई वैक्सीन तैयार हो पाई हैं ..
इस वायरस से संक्रमित रोगी को आईसीयू .एनआईसीयू. वेल्टीनेटर यूनिट पर ही रखा जाता हैं 
इस के उपचार के लिए पूरे विश्व के साइंटिस्ट वैक्सीन की खोज पर तत्परता से लगें हुएं हैं ।

Continue reading