बुधवार, 17 जुलाई 2019

आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली गांवों की तस्वीर, मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण

सीर , फ़टही बरगदी , रानी पिपरी गांव जाने का मुख्य खराब कच्चा रास्ता 
Even after seven decades of independence, the picture of villages not changed, the rural poor lack basic amenities

आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली गांवों की तस्वीर, मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण

फतेहपुर -  उत्तर प्रदेश राज्य के गठन को 69 साल पूरे हो चुके हैं। 

लेकिन प्रदेश के कई ऐसे क्षेत्र हैं। जहां विकास की किरण अभी भी नहीं पहुंच पाईं हैं। 
जिससे लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। 
हम बात कर रहे हैं राज्य के सबसे पिछडे जिले फतेहपुर की , जहां कई ऐसे भी गांव जिसका विकास से दूर-दूर तक नाता नही है। दिलचस्प बात यह है कि विकासखंड मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर व एक किलोमीटर की दूरी पर उक्त गांव बसे हैं।
ग्राम पंचायत के असोथर के सीर , फ़टही बरगदी , रानी पिपरी गांव की जहां शिक्षा, स्वास्थ, पानी और सड़क जैसी मूलभुत सुविधाओं के अभाव में लोग जीने को मजबूर हैं। 
वहीं लोगों को सरकार से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। 
जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है। आश्चर्य की बात है कि गांव के विकास में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते गांव के लोग आज भी 21 वी सदी में 18 वी सदी का जीवन जीने को मजबूर हैं। 
उत्तर प्रदेश के गठन व देश की आजादी के बाद भी इस गांव में आज तक घरों तक पहुंचाने के लिए बिजली तार, सरकारी पोल तक नही मिल पाया है।
जिस कारण लोग आज भी ढिबरी की रोशनी में बिजली जीवन जीने के लिए विवश है। 
असोथर विजयीपुर मुख्य मार्ग से मात्र कुछ ही दूरी पर सीर गांव होने के बावजूद आज भी गांव तक कच्चे रास्ता होने की वजह से सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों के सामना करना पड़ता है। 
खासतौर से बारिश के मौसम में कच्चे रास्ते के खराब होने के कारण यह गांव किसी टापू की तरह हो जाते हैं ।
लेकिन बीते 69 सालों में सिर्फ सरकार ही बदली।

इस गांव की तस्वीर ज्यों की त्यों है। 
गांव वालों के दुखों का अंत यहीं पर नहीं होता। 
बता दें कि ग्रामीणों के लिए पीने के पानी तक की भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। 
सीर गांव में एकलौते लगे सरकारी नल के खराब होने के कारण ग्रामीण कुओं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं ।
फतेहपुर जिले में आज भी सीर जैसे न जाने कितने गांव होंगे जो आज भी अपने मूलभुत सुविधाओं के लिए तरस रहें हैं। वहीं उक्त गांव की समस्या ने सरकार के विकास के दावों की पोल खोल दी है। 
इधर उक्त गांव के निवासी केशव प्रसाद , वीरेंद्र , आदिकी माने तो कच्चे रास्ते में कीचड़ भरे होने के कारण शिक्षा के लिए छोटे बच्चों , बुजुर्ग , महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं , लोगों का कहना हैं कि कई बार विभाग के अधिकारियों का ध्यानकृष्ट कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नही हुई ।
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मंगलवार, 9 जुलाई 2019

बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, असोथर क्षेत्र के सैकड़ों गांवों की बिजली ध्वस्त


बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, असोथर क्षेत्र के सैकड़ों गांवों की बिजली ध्वस्त

Fatehpur_Lightning erupts in power, hundreds of villages in the Asothar area collapse

फतेहपुर : जनपद सहित असोथर क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन से हो रहीं बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। 

कस्बे की मुख्य बाजार ,चौराहो व मुहल्लों के नाले - नालिया चोक हो गए।
जिससे सड़कों पर पानी और कीचड़ भर गया।
उधर, दूसरे दिन भी जनपद में बिजली संकट गहराया रहा। असोथर क्षेत्र में करीब 400 गांवों में बिजली प्रभावित रही। 
हालांकि बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी बिजली आपूर्ति दुरस्त करने के लिए कर्मचारियों , व लाइनमैनों को को दिनभर दौड़ाए रखा।

रविवार रात से शुरू हुई बारिश आज मंगलवार दिन में भी जारी रही।
बारिश की वजह से सड़कों पर कीचड़ पसरी रही।
नाले भी पानी से अटे रहे।
भले ही गांवों में प्रशासन द्वारा नालियों की समुचित साफ - सफ़ाई के लिए सफाईकर्मी नियुक्त हो ,पर वह सफाई करना तो बड़ी दूर की बात उनकी शक्ल तक किसी को दिख जाएं वह ही बड़ी बात हैं ।
प्रशासन के अधिकारी जहाँ एक ओर कर्मचारियों को भेजकर सफाई करने के दावे करते हैं, लेकिन सोमवार व मंगलवार को उनके दावे की पोल खुल गई। 

कोई कर्मचारी सड़कों व किसी भी नाली पर सफाई करता नजर नहीं आया। 

वहीं रही सही कसर बिजली आपूर्ति ने भी पूरी कर दी। 

सोमवार से हुए ब्रेकडाउन में से करीब कस्बे को ही बिजली सही ढंग से आपूर्ति हो पाई। 
उपकेंद्र असोथर से चलने वाले अन्य फीडर नरैनी , थरियांव , आदि मंगलवार को भी प्रभावित रहे। 
जिसकी वजह से 400 गांवों में बिजली संकट गहराया रहा। बताया गया है कि यदि बारिश की ऐसी ही स्थिति बनी रही तो जर्जर हो चुकी तारों में चल रही बिजली का ऐसा ही संकट झेलना पड़ेगा।


इन्होंने कहा

बारिश की वजह से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। 
जिसे जल्द से जल्द दुरस्त कराया जा रहा है। 
जल्द ही बिजली आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी।

एसडीओ विद्युत विभाग
मोहम्मद आबिद सिद्दीकी
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मंगलवार, 25 जून 2019

रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध पुल बना कर हैवी पोकलैंड मशीनों से धड़ल्ले से हो रहा अवैध मौरंग खनन


रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध पुल बना कर हैवी पोकलैंड मशीनों से धड़ल्ले से हो रहा अवैध मौरंग खनन

फतेहपुर : असोथर थानाक्षेत्र के अंतर्गत रामनगर कौहन मौरंग खदान में इन बाकी 5 दिनों में मौरंग के अधिक से अधिक खनन के लिए नियम कायदों को खदान संचालक द्वारा ताक पर रख दिया गया हैं , सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भले चाहे अवैध खनन पर कड़ी कार्यवाही करने की बात करते हो पर नौकरशाह इस के उलट शासन की बखिया उधेड़ने में लगे हुएं हैं ।


"पहले यमुना के किनारे मौरंग खदानों में नवंबर से लेकर मई तक ही मजदूरों से खनन होता था, लेकिन अब इस के उलट तस्वीर हो गई हैं अब हैवी पोकलैंड , जेसीबी मशीनों के जरिए पूरे साल चलता है। 

इस का उदाहरण देखा जा सकता हैं कि फतेहपुर जिले के रामनगर कौहन मौरंग खदान में इन दिनों हैवी बूम वाली मशीनों से यमुना की तलहटी से 50 फीट नीचे से मौरंग निकाला जा रहा हैं । 

खदान संचालको का लालच इन नदियों को लील रहा है बुंदेलखंड की इन नदियों में मशीनों से किसी भी तरह की खनन गतिविधि न करने का एनजीटी का आदेश है 
लेकिन इसके बावजूद असोथर क्षेत्र के रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध खनन जारी है। 
जबकि नियमत: खनन विभाग इसकी इजाजत नहीं देता। 
जो दिन-रात यमुना में खनन करके बालू और मौरंग निकालते रहनें से । 
इसका असर यह हुआ है कि नदी में खुदाई से बड़े-बड़े पोखर होने से धारा रुक गई है, रामनगर कौहन में बीच धारा तक ट्रकों की आवाजाही के लिए बनाए गए अवैध पुलों ने धारा का रुख मोड़ दिया है। 

कहीं 'रेगिस्तान' न बन जाए बुंदेलखंड की धरती ! 


बुंदेलखंड की यमुना महत्वपूर्ण  नदी हैं। 
इसके साथ हुई छेड़छाड़ पूरे बुंदेलखंड में सूखे का संकट लेकर आई है। 
यमुना से सीमित मात्रा में बालू और मौरंग निकालना तो ठीक है, लेकिन नदी की दिशा बदल देना गलत है।" 

भू-गर्भ जल विभाग के आंकड़ों के अनुसार फतेहपुर में हर साल औसतन तीन फिट तक जलस्तर नीचे खिसक रहा है ।
असोथर क्षेत्र में जलस्तर पिछले 20 वर्षों में करीब 100 फिट तक नीचे चला गया हैं। 

ये भी देखिए - 👇
रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध खनन के लिए अवैध पुल
रामनगर कौहन मौरंग खदान में अवैध खनन के साथ ही इन पर कच्चे अवैध पुल भी ट्रकों और डंपरों के आने-जाने के लिए बना दिए हैं। 
जो की जलधारा के बहाव को रोक दे रहा हैं । 

इन दिनों रामनगर कौहन में खनन माफिया, बगैर रोकटोक बालू का अवैध खनन कर रहे हैं और जिला प्रशासन इस बात की जानकारी रखते हुए भी अंजान बनने की कोशिश कर रहा है।

यमुना में बीच जलधारा से परिवहन करते ट्रक
अभी दो दिन पहले रामनगर कौहन मौरंग खदान में खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता , एसडीएम सदर व स्थानीय पुलिस प्रशासन की टीम ने खदान पर छापेमारी की कार्यवाही कर 23 ट्रको को सीज कर दिया हालांकि रात्रि के 9 बजे तक खनन अधिकारी और उनकी टीम खदान तक नही पहुँची और इस के पहले ही पोकलैंड मशीनों को सुरक्षित नालों में छिपा दिया गया , इस के बाद खनन अधिकारी स्थानीय पत्रकारों को नियम कायदों को बताते रहें ।
जबकि इसके उलट मौके तक जा कर कार्यवाही करने से बचते रहे ।
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मंगलवार, 11 जून 2019

सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत

सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत 


Bike rider death in a road accident




संवाद सूत्र थरियांव : जनपद फतेहपुर के थरियांव थाना क्षेत्र के सीतापुर गांव के समीप मंगलवार को डम्फर टकरा जाने से एक नवयुवक की मौके पर ही मौत हो गई , शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेज दिया।



असोथर थानाक्षेत्र के कस्बा असोथर निवासी बब्बू सिंह चौहान का एकलौता पुत्र कौशल चौहान 25 वर्ष फतेहपुर से वापस अपने गांव आ रहा था तभी नेेशनल हाईवे 2 के थरियांव थानाक्षेत्र के सीतापुर गांव के समीप हाइवे के एक तरफ डम्फर खड़ा था , जिसमे बाइक सवार नवयुवक अनियंत्रित होकर टकरा गया , जिससे नवयुवक की मौके पर ही मौत हो गई ...


मृतक नवयुवक की फाइल फोटो
घर का एकलौता लड़का होने की वजह से मृतक के मुहल्ले सहित पूरे कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई ...
वही परिवारिकजनों का रो - रो कर बुरा हाल रहा ..
जिन्हें लोग ढांढस बंधाते रहें ।

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असोथर पुलिस ने किया फ्लैग मार्च

असोथर पुलिस ने किया फ्लैग मार्च 


Asothar Police did Flag March

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मंगलवार, 4 जून 2019

असोथर क्षेत्र में गहराया जल संकट , सूखे कुएं व हैंडपंपों ने छोड़ा साथ , ग्रामीण परेशान पानी के लिए खेतों में लगें समर्सिबल पम्प और कुओं पर भटकने की मजबूरी



असोथर क्षेत्र में गहराया जल संकट , सूखे कुएं व हैंडपंपों ने छोड़ा साथ , ग्रामीण परेशान

पानी के लिए खेतों में लगें समर्सिबल पम्प और कुओं पर भटकने की मजबूरी

Deepening water crisis in the asothar region, dry wells and handpumps left, along with rural distress

Take the fields for the water and use the common pump to wander on the well.

फतेहपुर - जिले के यमुना कटरी के बीहड़ व अतिपिछड़े क्षेत्र असोथर में ज्यों-ज्यों गर्मी अपना प्रचंड रूप लेती जा रही है वैसे ही ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत भयावह रूप लेती जा रही है। कस्बा सहित क्षेत्र के कुओं का जलस्तर बेहद घट गया है तो हैंडपंप बीमार पड़े हुए है। पानी की समस्या को लेकर प्रशासन तनिक भी गंभीर नहीं है जिससे ग्रामीणों को दूर-दूर खेतों से पानी ढ़ोने की मजबूरी बनी हुई है।

जिले में तापमान 45 डिग्री को पार कर गया है, गर्मी की प्रचंडता के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त है। 
लोग सुबह से ही प्रखर धूप का एहसास होने के कारण आवश्यक कार्यों के लिए ही घरों से बाहर निकल रहे है। 
गर्मी के रौद्र रूप लेने से कामकाज पर असर पड़ रहा है, आगामी नौतपा को लेकर लोग जहां चिंतित हैं तो वहीं पानी का संकट भी उत्पन्न हो गया है।

जिला मुख्यालय और कस्बाई इलाकों में निकायों के माध्यम से पानी की आपूर्ति नलों और टैंकरों के सहारे की जा रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हालात दयनीय है। 
जिले के अनेक गांवों में पानी के समुचित प्रबंध न होने की वजह से ग्रामीण बेहद परेशान है। 
ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजनाएं दिखावा बनी हुई हैं तो हैंडपंप भी बीमार पड़े हुए है।

ग्राम पंचायत स्तर और जल निगम से भले ही हैंडपंपों को सुधारने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हालात यह हैं कि कई गांवों के हैंडपंप खराब हैं तो कई केवल जंगयुक्त पानी उगल रहे है। ऐसे में ग्रामीणों को दूर खेतों से पानी ढ़ोने की मजबूरी बनी हुई है। असोथर विकासखंड के ग्राम सरकंडी के कई मजरों में पानी की समस्या का निदान नहीं हो सका। 
यहां के ग्रामीणों को पंचायत चुनाव की रंजिश का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। 
ग्रामीणों का आरोप है कि विकासखंड स्तर के अधिकारी संवेदनहीन हो चुके हैं। 
असोथर विकासखंड की ग्राम पंचायत असोथर के प्रतापनगर झाल चौराहे पर लगा सरकारी हैंडपंप गंदा और कीचड़ युक्त पानी दे रहा हैं , असोथर के मजरा सीर में लगभग 60 घरों के लिए कुल एक हैंडपंप हैं हैंडपंप रुक-रुक कर पानी दे रहा है, जंग छोड़ रहा है। यहां के निवासी बालकरण पासवान ने बताया कि गांव के किसानों के खेतों में स्थित कुओं का जल स्तर भी पूरी तरह से नीचे चला गया है। 
ग्रामीणों को पानी ढ़ोने के लिए तपती धूप में दूर तक जाने के बाद पानी के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। 

इधर असोथर के मजरा विधातीपुर के वाशिंदों बृजमोहन पासवान , बिमल कुमार , रामशरण , लल्लू , राकेश , कामता आदि ने बताया कि पूरे गांव में पानी की विकराल समस्या है तो यहां के दलित समाज बाहुल्य मुहल्ले में राजमाता के समय बने दूषित कुएं का जल मजबूरन पीना पड़ रहा हैं शादी ब्याह व अन्य किसी धार्मिक आयोजन के लिए पानी की तलाश करनी पड़ती है।

इनका कहना है


असोथर ग्राम पंचायत के निवासियों को गांवों में खराब पड़े सरकारी हैंडपंपों एवं नलजल योजनाओं के बारे में जानकारी देने को कहा गया था। 
कुछ जगह से ही जानकारियां मिली हैं। 
जहां से भी सूचनाएं आती हैं वहां तत्काल दल को भेजकर हैंडपंप ठीक कराए जा रहे हैं। 
जिन गांवों की जानकारी आपसे मिल रही है वहां भी तुरंत टीम को भेजकर हैंडपंपों को सुधारा जाएगा। 
कस्बे में कहीं भी जल संकट न हो मेरे द्वारा व जल निगम विभाग इसी प्रयास में लगा है।

रामकिंकर अवस्थी
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कस्बा असोथर 


काम नहीं आ सकीं जल निगम की योजनाएं


जिले में पेयजल संकट के दौरान जल निगम योजनाएं भी काम नहीं आ पा रही है। 
कस्बा असोथर में 35 वर्ष पूर्व बनी पानी टँकी शो - पीस बनी हुई हैं ।
पिछले एक पखवाड़े में दो बार जल - निगम पानी टँकी असोथर की मोटर दो बार फुंक चुकी हैं , और कस्बा बाजार सहित क्षेत्र में पानी के लिए लोगों में त्राहि - त्राहि मची हुई हैं ।
असोथर विकास खंड परिसर में 35 वर्ष पूर्व बनी इस पानी टँकी से पहले कस्बा असोथर सहित क्षेत्र के विधातीपुर , कठौता , सुजानपुर , बनपुरवा , चुनका का डेरा झाल , हरनवां आदि गांवों में इसी पानी टँकी से जलापूर्ति होती थी , पर पिछले एक दशक से ध्वस्त व जर्जर पड़ी पाइपलाइन से इन गांवों की जलापूर्ति बंद हैं , जिससे लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हैं ।
योगी व मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही ग्रामीणों को नल जल योजनाएं ग्रामीणों को पानी नहीं दे पा रही है।


नौतपा झुलसाएंगे फिर होगी मुश्किल


आगामी 5 जून से नौतपा शुरू होने जा रहे हैं तब ग्रामीणों को भारी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ेगा। ग्राम सरकंडी के राकेश सिंह का कहना है कि खेतों में बने कुओं की तलहटी तक पानी पहुंच गया है जिससे न सिर्फ ग्रामीणों को लंबी रस्सी खरीदनी पड़ रही है बल्कि भीषण धूप में महिलाओं और खासतौर से बच्चों को पानी खींचना मुश्किल हो रहा है। ग्राम पंचायतें पूरी तरह से उदासीन है और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा भी पेयजल समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। 
पूर्व के वर्षों तक पानी का परिवहन करने के लिए पंचायतों को आदेश दिए गए थे लेकिन अब ऐसी व्यवस्था न होने से ग्रामीणों को भीषण पेयजल समस्या से दोचार होना पड़ रहा है।

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बुधवार, 22 मई 2019

लखनऊ से फतेहपुर आयी खनन टीम का मौरंग खदान पर छापा बड़ी कार्यवाही , जलधारा से मौरंग निकालती मिली हैवी पोकलैंड मशीनें


Up Government Lucknow Mining team raided of Fatehpur on Silt mine,

Heavy Machines Found Large Proceedings, silt Water

लखनऊ से फतेहपुर आयी खनन टीम का मौरंग खदान पर छापा

बड़ी कार्यवाही , जलधारा से मौरंग निकालती मिली हैवी पोकलैंड मशीनें

फतेहपुर : जनपद में आज दोपहर मंगलवार को गाजीपुर थानाक्षेत्र के देवलान मौरंग खदान पर खनन निदेशक डॉ० रोशन जैकब व उनकी टीम ने छापा मारा , जिसमें मौरंग खदान में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं । लोगों में चर्चा यह भी रही कि यह  देवलान मौरंग खदान में जिले के एक बहुचर्चित मछली व्यवसायी के द्वारा लखनऊ स्तर पर की गई शिकायतों व एक मंत्री जी की पैरवी पर पहुंची थीं। 

मौरंग खदान में जांच करती लखनऊ से आई टीम

इस दौरान देवलान मौरंग खदान में खनन टीम भारी पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं , जिनकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई हैं , मौके पर माँ कालिंदी का सीना चीर कर जलधारा से मौरंग निकालने वाली नौ हैवी पोकलैंड मशीनें , व अवैध रूप से ओवरलोड मौरंग का परिवहन कर  रहें आठ ट्रकों पर कार्यवाही की गई हैं ।

उत्तर प्रदेश सरकार के खनन विभाग की टीम देवलान मौरंग खदान पहुंचने से अन्य खदान संचालकों में भी हड़कंप की स्थिति बनी रहीं , जिनमे कई मौरंग खदानों में मशीनों की गड़गड़ाहट व ट्रकों व ट्रैक्टरों का परिवहन भी ठप रहा ..

गाजीपुर थानाक्षेत्र के  देवलान मौरंग खदान में प्रमुख सचिव रोशन जैकब व उनकी टीम लगभग आधे घंटे तक मौजूद रहीं , अवैध खनन की जांच पर आई टीम ने मौरंग खदान पर अभिलेखों व रजिस्टरों को जांचा परखा व साथ ही एन.जी.टी. के नियमों को ताक पर रखकर खदान पर अवैध खनन कर रही प्रतिबंधित हैवी पोकलैंड मशीनों की वीडियोग्राफी व तसवीरें ली गई ।

खनन टीम ने इस मामले में जिलाधिकारी फतेहपुर संजीव कुमार सिंह को नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।

खनन निदेशक डॉ० रोशन जैकब के यहां से जाते ही जिलाधिकारी कार्यालय के निर्देश पर मौके पर खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता व स्थानीय लेखपाल व पुलिस पहुंची ..
जिसमें पुलिस ने खदान से दूर छिपाकर खड़ी की गई पोकलैंड मशीन बरामद की है। 
जांच के बाद एफआईआर दर्ज हो सकती है। 
खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता ने बताया जांच रिपोर्ट को सौंपी जाएगी। 
जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार ही अग्रिम कार्यवाही की जाएंगी।
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