शनिवार, 28 मार्च 2020

फतेहपुर में कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के साथ जरूरतमंदों का पेट भर रही जिले की पुलिस

जरूरतमन्द गरीबों को भोजन देते गाजीपुर थानाध्यक्ष आशीष सिंह

फतेहपुर में कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के साथ जरूरतमंदों का पेट भर रही जिले की पुलिस

फतेहपुर - जनपद सहित पूरे देश  में कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान फतेहपुर पुलिस जिले के थानों / चौकियों के मुहल्लों , चौक चौराहों में जाकर लोगों को जागरूक कर रही है। 


फतेहपुर पुलिस की अलग-अलग टीम लोगों को जागरूक करने के साथ स्लम एरिया में बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को खाना भी मुहैया करवा रही है। 
इसके अलावा सैनिटाइजर और मास्क भी उन्हें दिया जा रहा है। 

पुलिस लोगों से लॉकडाउन नियमों की पालना करने के साथ घर में ही रहने की अपील कर रही है। जरूरत पड़ने पर संबंधित हेल्पलाइन नंबर से मदद मांगने के लिए भी कहा जा रहा है। 
इसके साथ ही कोरोना वायरस से बचने के साथ अपनी मदद कैसे करें, पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जगह-जगह जाकर लोगों को बता रहे हैं। 

सोशल डिस्टेंसिंग नहीं करने की बढ़ रही शिकायतें



पुलिस अधिकारियों के अनुसार शहर वासियों को रूटीन की जरूरतों के लिए बाहर निकलने पर सोशल डिस्टेंसिंग की दिक्कत आ रही है। 
सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की पालन नहीं करने पर लोग एरिया में इकट्ठा भी हो जाते हैं। 
इससे आसपास के लोगों द्वारा लगातार शिकायतें पुलिस कंट्रोल रूम में बढ़ रही है। 


गाजीपुर थानाध्यक्ष और हरिहरगंज , राधानगर चौकी इंचार्ज ने बांटा जरूरतमंदों को खाना



गाजीपुर थाना के युवा थाना प्रभारी आशीष सिंह ने जरूरतमंद लोगों को खुद खाना पहुंचाया। शनिवार को उन्होंने अपने हाथों से बच्चों को खाना देकर सब लोगों तक खाना पहुंचाया। 

इसके अलावा थाना प्रभारी आशीष सिंह ने अपनी पुलिस टीम के साथ गाजीपुर क्षेत्र के युवाओं को लेकर एक टीम बनाई। 
जोकि उन लोगों तक खाना लेकर जा रही है, जिन्हें किसी कारण खाने को कुछ भी नहीं मिल रहा।

हरिहरगंज इंचार्ज विजय कुमार त्रिवेदी जरूरतमंदों को फल व बिस्किट देते हुए 
शनिवार को हरिहरगंज चौकी इंचार्ज विजय कुमार त्रिवेदी राधानगर चौकी इंचार्ज अश्विनी सिंह ने भी अपनी पुलिस टीम के साथ मिलकर जरुरतमंद लोगों को खाना पहुंचाया। 
इसके अलावा उन्होंने इलाके में जरूरतमंद लोगों को कहा कि इमरजेंसी और किसी भी प्रकार की मदद के लिए कभी भी फतेहपुर पुलिस उनकी सहयाता के लिए तैयार है।    

हरिहरगंज इंचार्ज अश्विनी सिंह जरूरतमंद को भोजन देते हुए 
Continue reading

मंगलवार, 22 अक्तूबर 2019

असोथर में प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन इस्तेमाल


असोथर में प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन इस्तेमाल


Polyethylene used In Asothar even after the ban  

फतेहपुर / असोथर : यूपी में पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बावजूद फतेहपुर जिले के असोथर क्षेत्र में अब भी इसका धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। 
कहीं चोरी-छिपे तो कहीं खुलेआम पॉलीथिन में समान दिया जा रहा है। 
पॉलीथिन के प्रतिबंध को लेकर प्रशासनिक अभियान भी चल रहा है। 
इसके बाद भी शहर, नगर व ग्रामीण अंचलों में धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। 
इसकी खपत बढ़ गई है। 
प्रतिबंध के बावजूद दुकानदारों द्वारा पॉलीथिन का उपयोग करके समान दिया जा रहा है। 
फल, सब्जी, दूध, किराना आदि स्थानों पर नियम की धज्जियां उड़ती दिख रही हैं। 
गत वर्ष की भांति इस वर्ष सप्ताह भर पॉलीथिन पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों ने दुकानों पर छापेमारी की। 
इसका असर भी दिखा। दुकानों से पॉलीथिन गायब हो गई, लेकिन प्रयोग फिर से बढ़ने लगा है।

--

बढ़ रही समस्या

इस मामले में सरकार के साथ साथ लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत हैं 
पॉलिथीन और प्लास्टिक से शहर से लेकर गांव तक लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। 
नाले-नालियों में अक्सर पॉलिथीन से भरा मिलता है। 
इसके चलते जलनिकासी बाधित हो रही है। 
कूड़े-कचरे का उचित ढंग से निस्तारण नहीं हो पाता।

प्रवीणानन्द खंड विकास अधिकारी असोथर


स्वास्थ्य के लिए हानिकारक


प्लास्टिक के गिलासों में चाय या फिर गर्म दूध का सेवन करने से उसका केमिकल लोगों के पेट में चला जाता है। 
इससे डायरिया के साथ ही अन्य गम्भीर बीमारियाँ होती हैं।


डा. उपेंद्र कुमार पीएचसी असोथर

--

पॉलीथिन से दर्जनों पशु बने काल का ग्रास


कस्बे के रहने वाले गौ सेवक सूरज सिंह का कहना हैं 

पॉलीथिन का बहुतायत में प्रयोग पर्यावरण को बिगाड़ रहा है। पॉलीथिन का प्रयोग से क्षेत्र में दर्जनों निरीह पशु काल का ग्रास बन चुके हैं। 
यही नहीं पॉलीथिन उपजाऊ जमीन को भी बंजर बना रही है। जिससे लगातार उत्पादन क्षमता घटती जा रही है।


कपड़े का मंगाया झोला


-हम पॉलिथीन का प्रयोग न करने को जागरूक कर रहे है। कपड़े का झोला मंगाया गया है।

रमेश विश्वकर्मा (व्यापारी)

--

फैलाएंगे जागरूकता


-हानिकारक पॉलीथिन, डिस्पोजल, कैरी बैग आदि से छुटकारा दिलाने के विद्यार्थियों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। इसके लिए हम सभी ने शपथ ली है।

संतोष सिंह, प्रधानाचार्य सर्वोदय इंटर कालेज असोथर

--

नहीं करेंगे प्रयोग


-हम परिवार में पॉलीथिन कोई भी समान नहीं मंगाते है। घर को इससे मुक्त करते हुए औरों को भी प्रेरित कर रहें हैं।

उर्मिला गृहणी
Continue reading

बुधवार, 21 अगस्त 2019

अब यूपी में नहीं बजा पाएंगे डीजे वाले बाबू गाना , हाईकोर्ट का शख्त आदेश , उल्लंघन पर 5 साल की जेल


अब यूपी में नहीं बजा पाएंगे डीजे वाले बाबू गाना , हाईकोर्ट का शख्त आदेश , उल्लंघन पर 5 साल की जेल

DJ Babu can no longer play in UP, High court order, 5 years in jail for violation

आपको याद होगा मशहूर पंजाबी रैप सिंगर बादशाह का एक गाना डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दो बेहद फेमस हुआ था इसे वर्ष 2015 में  गाया गया था जिसे अब तक यूट्यूब में 250 मिलियन बार देखा जा चुका हैं ।

पर यूपी में खासतौर से डीजे वाले बाबू और सावधान हो जाइये अब शादी-विवाह, बर्थडे पार्टियों और त्यौहारों पर तेज आवाज में डीजे (DJ) बजाकर जश्न मनाना आपको महंगा पड़ जाएगा.

बता दें इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने डीजे बजाने की अनुमति देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. हाईकोर्ट का कहना है कि ‘बच्चों, बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती मरीजों सहित मानव स्वास्थ्य के लिए ध्वनि प्रदूषण बड़ा खतरा है’. वहीं, कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों की टीम बनाकर ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करने और दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, प्रयागराज के सुशील चंद्र श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पी के एस बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि ‘ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून का उल्लंघन नागरिकों के मूल अधिकारों का उल्लंघन होगा. इसलिए सभी धार्मिक त्यौहारों से पहले जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बैठक कर कानून का पालन सुनिश्चित कराएं. साथ ही ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने पर 5 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है’.

याची सुशील चंद्र श्रीवास्तव का कहना था कि जिला प्रशासन ने रिहायशी इलाके हासिमपुर रोड पर एलसीडी लगाई है जो सुबह 04:00 बजे से आधी रात तक बजती रहती है. सुशील की मां 85 वर्ष की हैं, आसपास कई अस्पताल हैं और शोर से लोगों और मरीजों को परेशानी हो रही है. साथ ही बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. शिकायत करने पर अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते है उल्टे ध्वनि प्रदूषण फैलाने में सहयोग कर रहे हैं. याचिका में ध्वनि प्रदूषण कानून का कड़ाई से पालन करने की मांग की गई थी.


हाईकोर्ट ने राज्य की योगी सरकार (Yogi Government) को दिए ये निर्देश

1- ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने वाले पर प्राथमिकी दर्ज हो.

2- त्यौहारों से पहले अधिकारी बैठक कर ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना सुनिश्चित करें.

3- कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित थानाध्यक्षों की होगी.

4- शहरी क्षेत्रों को औद्योगिक, व्यवसायिक और रिहायशी में श्रेणीबद्ध किया जाए.

5- शिकायत सुनने के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाए.

6- ऐसे अधिकारी का फोन नंबर और अन्य ब्यौरा सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करें.

7- शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी करें.

8- शिकायतें एक रजिस्टर पर दर्ज हों और उन पर कार्रवाई की जाए.

9- शिकायत मिलने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करे और शोर बंद कराए.

10- शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाए और अनाम शिकायतें भी दर्ज हों.

11- एसएमएस, व्हाट्सएप और ई-मेल से भी शिकायतें दर्ज हों.

12- कार्रवाई न होने पर जनता का कोई भी आदमी अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है.
Continue reading

सोमवार, 19 अगस्त 2019

लोन माफ करेगी मोदी सरकार , छोटे कर्ज से परेशान लोगों को बड़ा तोहफा,


लोन माफ करेगी मोदी सरकार ,
छोटे कर्ज से परेशान लोगों को बड़ा तोहफा, 

Modi government will forgive the loan,
Big gift to people troubled by small loans,

छोटे कर्ज के तले दबे लोगों को मोदी सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत इन लोगों को नए सिरे से शुरुआत करने का अवसर प्रदान करने के लिए सरकार इनके कर्ज माफ कर सकती है। इसको लेकर योजना तैयार हो रही है।

कारपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि आर्थिक रूप से गरीब वर्ग के लोगों को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए लोन माफी की योजना बनाई जा रही है। इसके स्वरूप को लेकर माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री से बातचीत चल रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह कर्ज माफी व्यक्तिगत दिवालियापन से जुड़े मामलों में दी जाएगी जोकि आर्थिक रूप से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा व्यथित करती है।

5 साल में एक बार होगा कर्ज माफ

उन्होंने कहा, ‘यदि आपने एक बार नई शुरुआत का लाभ उठा लिया तो आपको पांच साल के लिए इसका लाभ नहीं मिल सकता है। हमने माइक्रोफाइनेंस उद्योग की संतुष्टि के लिए सभी शर्तों पर काम कर लिया है।’ श्रीनिवास ने कहा, ‘यह हेयरकट लेने के समान होगा। राष्ट्रीय स्तर पर तीन से साल की अवधि के लिए यह 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होगा।’

IBC की शर्तें

आईबीसी के तहत ‘नई शुरुआत’ के लिए कई सीमाएं हैं, जिसमें कर्जदार की सकल सालाना आय 60,000 रुपए से अधिक नहीं होना भी शामिल है। कर्जदार की संपत्ति का कुल मूल्य 20 हजार रुपए और माफी के लिए पात्र कर्ज 35 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। आईबीसी के मुताबिक, इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति के पास अपना आवास भी नहीं होना चाहिए।


Continue reading

मंगलवार, 4 जून 2019

असोथर क्षेत्र में गहराया जल संकट , सूखे कुएं व हैंडपंपों ने छोड़ा साथ , ग्रामीण परेशान पानी के लिए खेतों में लगें समर्सिबल पम्प और कुओं पर भटकने की मजबूरी



असोथर क्षेत्र में गहराया जल संकट , सूखे कुएं व हैंडपंपों ने छोड़ा साथ , ग्रामीण परेशान

पानी के लिए खेतों में लगें समर्सिबल पम्प और कुओं पर भटकने की मजबूरी

Deepening water crisis in the asothar region, dry wells and handpumps left, along with rural distress

Take the fields for the water and use the common pump to wander on the well.

फतेहपुर - जिले के यमुना कटरी के बीहड़ व अतिपिछड़े क्षेत्र असोथर में ज्यों-ज्यों गर्मी अपना प्रचंड रूप लेती जा रही है वैसे ही ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत भयावह रूप लेती जा रही है। कस्बा सहित क्षेत्र के कुओं का जलस्तर बेहद घट गया है तो हैंडपंप बीमार पड़े हुए है। पानी की समस्या को लेकर प्रशासन तनिक भी गंभीर नहीं है जिससे ग्रामीणों को दूर-दूर खेतों से पानी ढ़ोने की मजबूरी बनी हुई है।

जिले में तापमान 45 डिग्री को पार कर गया है, गर्मी की प्रचंडता के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त है। 
लोग सुबह से ही प्रखर धूप का एहसास होने के कारण आवश्यक कार्यों के लिए ही घरों से बाहर निकल रहे है। 
गर्मी के रौद्र रूप लेने से कामकाज पर असर पड़ रहा है, आगामी नौतपा को लेकर लोग जहां चिंतित हैं तो वहीं पानी का संकट भी उत्पन्न हो गया है।

जिला मुख्यालय और कस्बाई इलाकों में निकायों के माध्यम से पानी की आपूर्ति नलों और टैंकरों के सहारे की जा रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हालात दयनीय है। 
जिले के अनेक गांवों में पानी के समुचित प्रबंध न होने की वजह से ग्रामीण बेहद परेशान है। 
ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजनाएं दिखावा बनी हुई हैं तो हैंडपंप भी बीमार पड़े हुए है।

ग्राम पंचायत स्तर और जल निगम से भले ही हैंडपंपों को सुधारने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हालात यह हैं कि कई गांवों के हैंडपंप खराब हैं तो कई केवल जंगयुक्त पानी उगल रहे है। ऐसे में ग्रामीणों को दूर खेतों से पानी ढ़ोने की मजबूरी बनी हुई है। असोथर विकासखंड के ग्राम सरकंडी के कई मजरों में पानी की समस्या का निदान नहीं हो सका। 
यहां के ग्रामीणों को पंचायत चुनाव की रंजिश का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। 
ग्रामीणों का आरोप है कि विकासखंड स्तर के अधिकारी संवेदनहीन हो चुके हैं। 
असोथर विकासखंड की ग्राम पंचायत असोथर के प्रतापनगर झाल चौराहे पर लगा सरकारी हैंडपंप गंदा और कीचड़ युक्त पानी दे रहा हैं , असोथर के मजरा सीर में लगभग 60 घरों के लिए कुल एक हैंडपंप हैं हैंडपंप रुक-रुक कर पानी दे रहा है, जंग छोड़ रहा है। यहां के निवासी बालकरण पासवान ने बताया कि गांव के किसानों के खेतों में स्थित कुओं का जल स्तर भी पूरी तरह से नीचे चला गया है। 
ग्रामीणों को पानी ढ़ोने के लिए तपती धूप में दूर तक जाने के बाद पानी के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। 

इधर असोथर के मजरा विधातीपुर के वाशिंदों बृजमोहन पासवान , बिमल कुमार , रामशरण , लल्लू , राकेश , कामता आदि ने बताया कि पूरे गांव में पानी की विकराल समस्या है तो यहां के दलित समाज बाहुल्य मुहल्ले में राजमाता के समय बने दूषित कुएं का जल मजबूरन पीना पड़ रहा हैं शादी ब्याह व अन्य किसी धार्मिक आयोजन के लिए पानी की तलाश करनी पड़ती है।

इनका कहना है


असोथर ग्राम पंचायत के निवासियों को गांवों में खराब पड़े सरकारी हैंडपंपों एवं नलजल योजनाओं के बारे में जानकारी देने को कहा गया था। 
कुछ जगह से ही जानकारियां मिली हैं। 
जहां से भी सूचनाएं आती हैं वहां तत्काल दल को भेजकर हैंडपंप ठीक कराए जा रहे हैं। 
जिन गांवों की जानकारी आपसे मिल रही है वहां भी तुरंत टीम को भेजकर हैंडपंपों को सुधारा जाएगा। 
कस्बे में कहीं भी जल संकट न हो मेरे द्वारा व जल निगम विभाग इसी प्रयास में लगा है।

रामकिंकर अवस्थी
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कस्बा असोथर 


काम नहीं आ सकीं जल निगम की योजनाएं


जिले में पेयजल संकट के दौरान जल निगम योजनाएं भी काम नहीं आ पा रही है। 
कस्बा असोथर में 35 वर्ष पूर्व बनी पानी टँकी शो - पीस बनी हुई हैं ।
पिछले एक पखवाड़े में दो बार जल - निगम पानी टँकी असोथर की मोटर दो बार फुंक चुकी हैं , और कस्बा बाजार सहित क्षेत्र में पानी के लिए लोगों में त्राहि - त्राहि मची हुई हैं ।
असोथर विकास खंड परिसर में 35 वर्ष पूर्व बनी इस पानी टँकी से पहले कस्बा असोथर सहित क्षेत्र के विधातीपुर , कठौता , सुजानपुर , बनपुरवा , चुनका का डेरा झाल , हरनवां आदि गांवों में इसी पानी टँकी से जलापूर्ति होती थी , पर पिछले एक दशक से ध्वस्त व जर्जर पड़ी पाइपलाइन से इन गांवों की जलापूर्ति बंद हैं , जिससे लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हैं ।
योगी व मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही ग्रामीणों को नल जल योजनाएं ग्रामीणों को पानी नहीं दे पा रही है।


नौतपा झुलसाएंगे फिर होगी मुश्किल


आगामी 5 जून से नौतपा शुरू होने जा रहे हैं तब ग्रामीणों को भारी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ेगा। ग्राम सरकंडी के राकेश सिंह का कहना है कि खेतों में बने कुओं की तलहटी तक पानी पहुंच गया है जिससे न सिर्फ ग्रामीणों को लंबी रस्सी खरीदनी पड़ रही है बल्कि भीषण धूप में महिलाओं और खासतौर से बच्चों को पानी खींचना मुश्किल हो रहा है। ग्राम पंचायतें पूरी तरह से उदासीन है और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा भी पेयजल समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। 
पूर्व के वर्षों तक पानी का परिवहन करने के लिए पंचायतों को आदेश दिए गए थे लेकिन अब ऐसी व्यवस्था न होने से ग्रामीणों को भीषण पेयजल समस्या से दोचार होना पड़ रहा है।

Copyright © 2019 AatmGauravNews.com
Continue reading

बुधवार, 22 मई 2019

लखनऊ से फतेहपुर आयी खनन टीम का मौरंग खदान पर छापा बड़ी कार्यवाही , जलधारा से मौरंग निकालती मिली हैवी पोकलैंड मशीनें


Up Government Lucknow Mining team raided of Fatehpur on Silt mine,

Heavy Machines Found Large Proceedings, silt Water

लखनऊ से फतेहपुर आयी खनन टीम का मौरंग खदान पर छापा

बड़ी कार्यवाही , जलधारा से मौरंग निकालती मिली हैवी पोकलैंड मशीनें

फतेहपुर : जनपद में आज दोपहर मंगलवार को गाजीपुर थानाक्षेत्र के देवलान मौरंग खदान पर खनन निदेशक डॉ० रोशन जैकब व उनकी टीम ने छापा मारा , जिसमें मौरंग खदान में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं । लोगों में चर्चा यह भी रही कि यह  देवलान मौरंग खदान में जिले के एक बहुचर्चित मछली व्यवसायी के द्वारा लखनऊ स्तर पर की गई शिकायतों व एक मंत्री जी की पैरवी पर पहुंची थीं। 

मौरंग खदान में जांच करती लखनऊ से आई टीम

इस दौरान देवलान मौरंग खदान में खनन टीम भारी पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं , जिनकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई हैं , मौके पर माँ कालिंदी का सीना चीर कर जलधारा से मौरंग निकालने वाली नौ हैवी पोकलैंड मशीनें , व अवैध रूप से ओवरलोड मौरंग का परिवहन कर  रहें आठ ट्रकों पर कार्यवाही की गई हैं ।

उत्तर प्रदेश सरकार के खनन विभाग की टीम देवलान मौरंग खदान पहुंचने से अन्य खदान संचालकों में भी हड़कंप की स्थिति बनी रहीं , जिनमे कई मौरंग खदानों में मशीनों की गड़गड़ाहट व ट्रकों व ट्रैक्टरों का परिवहन भी ठप रहा ..

गाजीपुर थानाक्षेत्र के  देवलान मौरंग खदान में प्रमुख सचिव रोशन जैकब व उनकी टीम लगभग आधे घंटे तक मौजूद रहीं , अवैध खनन की जांच पर आई टीम ने मौरंग खदान पर अभिलेखों व रजिस्टरों को जांचा परखा व साथ ही एन.जी.टी. के नियमों को ताक पर रखकर खदान पर अवैध खनन कर रही प्रतिबंधित हैवी पोकलैंड मशीनों की वीडियोग्राफी व तसवीरें ली गई ।

खनन टीम ने इस मामले में जिलाधिकारी फतेहपुर संजीव कुमार सिंह को नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।

खनन निदेशक डॉ० रोशन जैकब के यहां से जाते ही जिलाधिकारी कार्यालय के निर्देश पर मौके पर खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता व स्थानीय लेखपाल व पुलिस पहुंची ..
जिसमें पुलिस ने खदान से दूर छिपाकर खड़ी की गई पोकलैंड मशीन बरामद की है। 
जांच के बाद एफआईआर दर्ज हो सकती है। 
खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता ने बताया जांच रिपोर्ट को सौंपी जाएगी। 
जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार ही अग्रिम कार्यवाही की जाएंगी।
Continue reading