बुधवार, 21 अगस्त 2019

अब यूपी में नहीं बजा पाएंगे डीजे वाले बाबू गाना , हाईकोर्ट का शख्त आदेश , उल्लंघन पर 5 साल की जेल


अब यूपी में नहीं बजा पाएंगे डीजे वाले बाबू गाना , हाईकोर्ट का शख्त आदेश , उल्लंघन पर 5 साल की जेल

DJ Babu can no longer play in UP, High court order, 5 years in jail for violation

आपको याद होगा मशहूर पंजाबी रैप सिंगर बादशाह का एक गाना डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दो बेहद फेमस हुआ था इसे वर्ष 2015 में  गाया गया था जिसे अब तक यूट्यूब में 250 मिलियन बार देखा जा चुका हैं ।

पर यूपी में खासतौर से डीजे वाले बाबू और सावधान हो जाइये अब शादी-विवाह, बर्थडे पार्टियों और त्यौहारों पर तेज आवाज में डीजे (DJ) बजाकर जश्न मनाना आपको महंगा पड़ जाएगा.

बता दें इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने डीजे बजाने की अनुमति देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. हाईकोर्ट का कहना है कि ‘बच्चों, बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती मरीजों सहित मानव स्वास्थ्य के लिए ध्वनि प्रदूषण बड़ा खतरा है’. वहीं, कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों की टीम बनाकर ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करने और दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, प्रयागराज के सुशील चंद्र श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पी के एस बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि ‘ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून का उल्लंघन नागरिकों के मूल अधिकारों का उल्लंघन होगा. इसलिए सभी धार्मिक त्यौहारों से पहले जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बैठक कर कानून का पालन सुनिश्चित कराएं. साथ ही ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने पर 5 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है’.

याची सुशील चंद्र श्रीवास्तव का कहना था कि जिला प्रशासन ने रिहायशी इलाके हासिमपुर रोड पर एलसीडी लगाई है जो सुबह 04:00 बजे से आधी रात तक बजती रहती है. सुशील की मां 85 वर्ष की हैं, आसपास कई अस्पताल हैं और शोर से लोगों और मरीजों को परेशानी हो रही है. साथ ही बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. शिकायत करने पर अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते है उल्टे ध्वनि प्रदूषण फैलाने में सहयोग कर रहे हैं. याचिका में ध्वनि प्रदूषण कानून का कड़ाई से पालन करने की मांग की गई थी.


हाईकोर्ट ने राज्य की योगी सरकार (Yogi Government) को दिए ये निर्देश

1- ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने वाले पर प्राथमिकी दर्ज हो.

2- त्यौहारों से पहले अधिकारी बैठक कर ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना सुनिश्चित करें.

3- कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित थानाध्यक्षों की होगी.

4- शहरी क्षेत्रों को औद्योगिक, व्यवसायिक और रिहायशी में श्रेणीबद्ध किया जाए.

5- शिकायत सुनने के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाए.

6- ऐसे अधिकारी का फोन नंबर और अन्य ब्यौरा सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करें.

7- शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी करें.

8- शिकायतें एक रजिस्टर पर दर्ज हों और उन पर कार्रवाई की जाए.

9- शिकायत मिलने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करे और शोर बंद कराए.

10- शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाए और अनाम शिकायतें भी दर्ज हों.

11- एसएमएस, व्हाट्सएप और ई-मेल से भी शिकायतें दर्ज हों.

12- कार्रवाई न होने पर जनता का कोई भी आदमी अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है.
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