शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

बिजली विभाग के संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण समस्याओं से जूझ रहे एक सैकड़ा से अधिक गांव

बिजली विभाग के संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण समस्याओं से जूझ रहे एक सैकड़ा से अधिक गांव



‘‘ एक महीने से ज्यादा समय नहीं तैनात असोथर जेई ,,

✍️ गौरव सिंह गौतम (संपादक आत्म गौरव न्यूज.com)

फतेहपुर - इन दिनों संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण असोथर क्षेत्र के एक सैकड़ा से अधिक गांवों के लोगों को आएं दिन बिजली की समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है , जहा एक ओर अगले माह से ही बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है जिसके चलते बोर्ड परीक्षार्थियों को तैयारी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है , वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसान भाईयो को इस कड़ाके की ठंड में बिजली नहीं मिलने से गेंहू की फसल में सिंचाई करने में दिक्कत आ रही हैं .

शुक्रवार की शाम पांच बजे से खराब हुई हाईवोल्टेज ३३ हजार लाइन देर रात तक नहीं बन सकी जिससे क्षेत्र एक सैकड़ा से अधिक गांवों में अंधेरा पसरा रहा , वहीं  एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद असोथर स्थाई जेई नहीं आ पाए है नवम्बर २०२२ में असोथर उपकेंद्र के जेई राकेश कुमार यादव को बिजली विभाग (uppcl) द्वारा चलाए जा रहे नेवर पेड अभियान में लाफरवाही और कार्य में शिथिलता बरतने पर अधीक्षण अभियंता सैयद अब्बास रिजवी ने निलंबित करने के बाद जेई नीलेश मिश्रा को असोथर और जरौली का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था पर बदकिस्मती यह रही कि नवनियुक्त जेई नीलेश मिश्रा भी ज्यादा दिन नहीं रुक सके उन्हें १८ नवम्बर को निजी ट्यूबवेल से अवैध एलटी लाइन बनवाने में निलंबित कर दिया गया था इसके बाद से असोथर उपकेंद्र एसडीओ मोहम्मद जाहिद सिद्दकी की देख रेख में चल रहा था फिलहाल खागा प्रथम के जेई मुरारीलाल दुबे को असोथर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है ।

जिस पर जेई महोदय असोथर अब तक शायद ही कभी कभार आए हो तो यह बड़ी बात है .

वहीं जब खागा एक्स सी एन मेघ सिंह व  असोथर उपकेंद्र के एसडीओ मोहम्मद जाहिद सिद्दकी से इस सम्बन्ध में वार्तालाप की तो उन्होंने बताया कि ९ जनवरी से अब तक जारी संविदा कर्मियों की हड़ताल की वजह बिजली की अघोषित कटौती  व हाईवोल्टेज लाइन ब्रेकडाउन होने की समस्याओं  सामना करना पड़ रहा है , प्राइवेट लोगों द्वारा किसी प्रकार बिजली बनवा कर सप्लाई शुरू करने की कोशिश की जा रही है , 

असोथर उपकेंद्र के लिए नए जेई के लिए चिठ्ठी भेजी गई हैं अधीक्षण अभियंता अगर गंभीरता से समस्या देखेगे तो २१ जनवरी २०२३ से नए जेई नियुक्त किए जाएंगे ।

खबर लिखे जाने के देर रात तक असोथर उपकेंद्र के सभी छह फीडर नरैनी , जरौली , घरवासीपुर , थरियांव , गाजीपुर व असोथर टाउन समेत जरौली पंप नहर कैनाल के साथ - साथ सैकड़ों गांवों की विद्युत आपूर्ति बाधित रही ।

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गुरुवार, 11 जनवरी 2018

(R.T.I) बहुत ही सरल व आसान जाने क्या हैं ? सूचना का अधिकार

सूचना के अधिकार के अर्न्तगत कौन से अधिकार आते हैं?
सूचना का अधिकार 2005 प्रत्येक नागरिक को शक्ति प्रदान करता है कि वो: 

सरकार से कुछ भी पूछे या कोई भी सूचना मांगे.
किसी भी सरकारी निर्णय की प्रति ले.
किसी भी सरकारी दस्तावेज का निरीक्षण करे.
किसी भी सरकारी कार्य का निरीक्षण करे.
किसी भी सरकारी कार्य के पदार्थों के नमूने ले. 



अपनी अर्जी मैं कहाँ जमा करुँ?

आप ऐसा पीआईओ या एपीआईओ के पास कर सकते हैं. केंद्र सरकार के विभागों के मामलों में, 629 डाकघरों को एपीआईओ बनाया गया है. अर्थात् आप इन डाकघरों में से किसी एक में जाकर आरटीआई पटल पर अपनी अर्जी व फीस जमा करा सकते हैं. वे आपको एक रसीद व आभार जारी करेंगे और यह उस डाकघर का उत्तरदायित्व है कि वो उसे उचित पीआईओ के पास भेजे.


क्या इसके लिए कोई फीस है?
 मैं इसे कैसे जमा करुँ?

हाँ, एक अर्ज़ी फीस होती है. केंद्र सरकार के विभागों के लिए यह 10रु. है. हालांकि विभिन्न राज्यों ने भिन्न फीसें रखीं हैं. सूचना पाने के लिए, आपको 2रु. प्रति सूचना पृष्ठ केंद्र सरकार के विभागों के लिए देना होता है. यह विभिन्न राज्यों के लिए अलग- अलग है. इसी प्रकार दस्तावेजों के निरीक्षण के लिए भी फीस का प्रावधान है. निरीक्षण के पहले घंटे की कोई फीस नहीं है लेकिन उसके पश्चात् प्रत्येक घंटे या उसके भाग की 5रु. प्रतिघंटा फीस होगी. यह केन्द्रीय कानून के अनुसार है. प्रत्येक राज्य के लिए, सम्बंधित राज्य के नियम देखें. आप फीस नकद में, डीडी या बैंकर चैक या पोस्टल आर्डर जो उस जन प्राधिकरण के पक्ष में देय हो द्वारा जमा कर सकते हैं. कुछ राज्यों में, आप कोर्ट फीस टिकटें खरीद सकते हैं व अपनी अर्ज़ी पर चिपका सकते हैं. ऐसा करने पर आपकी फीस जमा मानी जायेगी. आप तब अपनी अर्ज़ी स्वयं या डाक से जमा करा सकते हैं.



क्या सूचना प्राप्ति की कोई समय सीमा है?

हाँ, यदि आपने अपनी अर्जी पीआईओ को दी है, आपको 30 दिनों के भीतर सूचना मिल जानी चाहिए. यदि आपने अपनी अर्जी सहायक पीआईओ को दी है तो सूचना 35 दिनों के भीतर दी जानी चाहिए. उन मामलों में जहाँ सूचना किसी एकल के जीवन और स्वतंत्रता को प्रभावित करती हो, सूचना 48 घंटों के भीतर उपलब्ध हो जानी चाहिए.


मुझे सूचना प्राप्ति के पश्चात् क्या करना चाहिए?

इसके लिए कोई एक उत्तर नहीं है. यह आप पर निर्भर करता है कि आपने वह सूचना क्यों मांगी व यह किस प्रकार की सूचना है. प्राय: सूचना पूछने भर से ही कई वस्तुएं रास्ते में आने लगतीं हैं. उदाहरण के लिए, केवल अपनी अर्जी की स्थिति पूछने भर से आपको अपना पासपोर्ट या राशन कार्ड मिल जाता है. कई मामलों में, सड़कों की मरम्मत हो जाती है जैसे ही पिछली कुछ मरम्मतों पर खर्च हुई राशि के बारे में पूछा जाता है. इस तरह, सरकार से सूचना मांगना व प्रश्न पूछना एक महत्वपूर्ण चरण है, जो अपने आप में कई मामलों में पूर्ण है.

लेकिन मानिये यदि आपने आरटीआई से किसी भ्रष्टाचार या गलत कार्य का पर्दाफ़ाश किया है, आप सतर्कता एजेंसियों, सीबीआई को शिकायत कर सकते हैं या एफ़आईआर भी करा सकते हैं. लेकिन देखा गया है कि सरकार दोषी के विरुद्ध बारम्बार शिकायतों के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं करती. यद्यपि कोई भी सतर्कता एजेंसियों पर शिकायत की स्थिति आरटीआई के तहत पूछकर दवाब अवश्य बना सकता है. हांलांकि गलत कार्यों का पर्दाफाश मीडिया के जरिए भी किया जा सकता है. हांलांकि दोषियों को दंड देने का अनुभव अधिक उत्साहजनक है. लेकिन एक बात पक्की है कि इस प्रकार सूचनाएं मांगना और गलत कामों का पर्दाफाश करना भविष्य को संवारता है. अधिकारियों को स्पष्ट सन्देश मिलता है कि उस क्षेत्र के लोग अधिक सावधान हो गए हैं और भविष्य में इस प्रकार की कोई गलती पूर्व की भांति छुपी नहीं रहेगी. इसलिए उनके पकडे जाने का जोखिम बढ जाता है.



निवेदक गौरव सिंह गौतम सम्पादक किसी भी जानकारी या "www.aatmgauravnews.blogspot.com  से जुड़ने के लिये लॉगिन करें या सिर्फ सुबह 10 से शाम 5 बजे तक फोन करके ही बात करें या आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगती है तो इस नम्बर को अपने ग्रुप में जोड़ने का कष्ट करें।
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