पिता से पैसे ऐंठने के लिए स्वयं के अपहरण की साजिश रचने वाले युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार
एक शख्स ने घर से पैसा एठने के चक्कर मे अपने ही अपहरण की साजिश खुद रच डाली और पुलिस से लेकर परिवार वालो की नींदे हराम कर दी। साजिश का कारण सिर्फ इतना था की इसके ऊपर उधारी बहुत
ज्यादा हो गयी थी।
और पिता ने एक प्लाट पचास लाख का बेचा था। पिता के पास पैसा देख आरोपी बेटे ने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली। मगर यह खेल ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाया और आखिर कार पुलिस ने अपना मकड़ जाल बिछा कर आरोपी को गिरफ्तार कर पूरी घटना का खुलाशा किया।
उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के थाना चांदपुर क्षेत्र के अमौली कस्बा निवासी नरेश चंद्र ओमर जो की पेशे से ब्यापारी है। इन्होने चांदपुर थाने में एक लिखित तहरीर दिया जिसमे अपने बेटे दीपक ओमर के अपहरण होने के साथ साथ पांच लाख रुपए की फिरौती अपहरकर्ता के द्वारा मांगने की बात भी लिखी।
मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने अपहरकर्ता के खोज के लिए पुलिस की कई टीम लगा दी पुलिस के इस मुहीम में मोबाइल से लेकर रिश्तेदारों वा दोस्तों से छान बीन बदस्तूर जारी कर दिया।
पुलिस ने आरोपी के दोस्तों से जब जानकारी ली तो जो साक्ष्य सामने आए उसको देख पुलिस खुद सकत्ते में आ गयी। अपहरण करता कोई और नहीं खुद आरोपी दीपक निकला जिसने अपने अपहरण की खुद शाजिश रची वह भी इस लिए की इसके ऊपर उधारी की रकम बहुत ज्यादा हो गयी थी। और इस के पास उधारी चुकाने के लिए पास में पैसे नहीं थे। इसी बीच आरोपी के पिता ने अपना एक प्लाट बेचा जो की पचास लाख कीमत में बिका तभी से आरोपी के मन में यह शाजिश जन्म लेने लगी।
और इसने इस घटना को अंजाम देने के लिए अपने दोस्तों से भी बात की मगर दोस्तों ने इंकार कर दिया। तभी नाटकीय ढंग से कभी मोबाइल पर तो कभी बहन के पास लेटर के माध्यम से फिरौती की रकम की मांग करता और न पहुंचाने पर जान से मारने की धमकी की बात करता। मगर पुलिस ने इस चूहे बिल्ली के खेल को उजागर करके चैन की साँस ली। वही पुलिस ने अपहरण करता यानी की खुद का अपहरण करने वाले को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया।
✍ सुनील गुप्ता फतेहपुर यूपी
आज का इंसान पैसो के लिए कितना गिर सकता हैं आप इस बात से खुद अंदाजा लगा लेंगे।एक शख्स ने घर से पैसा एठने के चक्कर मे अपने ही अपहरण की साजिश खुद रच डाली और पुलिस से लेकर परिवार वालो की नींदे हराम कर दी। साजिश का कारण सिर्फ इतना था की इसके ऊपर उधारी बहुत
ज्यादा हो गयी थी।
और पिता ने एक प्लाट पचास लाख का बेचा था। पिता के पास पैसा देख आरोपी बेटे ने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली। मगर यह खेल ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाया और आखिर कार पुलिस ने अपना मकड़ जाल बिछा कर आरोपी को गिरफ्तार कर पूरी घटना का खुलाशा किया।
उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के थाना चांदपुर क्षेत्र के अमौली कस्बा निवासी नरेश चंद्र ओमर जो की पेशे से ब्यापारी है। इन्होने चांदपुर थाने में एक लिखित तहरीर दिया जिसमे अपने बेटे दीपक ओमर के अपहरण होने के साथ साथ पांच लाख रुपए की फिरौती अपहरकर्ता के द्वारा मांगने की बात भी लिखी।
मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने अपहरकर्ता के खोज के लिए पुलिस की कई टीम लगा दी पुलिस के इस मुहीम में मोबाइल से लेकर रिश्तेदारों वा दोस्तों से छान बीन बदस्तूर जारी कर दिया।
पुलिस ने आरोपी के दोस्तों से जब जानकारी ली तो जो साक्ष्य सामने आए उसको देख पुलिस खुद सकत्ते में आ गयी। अपहरण करता कोई और नहीं खुद आरोपी दीपक निकला जिसने अपने अपहरण की खुद शाजिश रची वह भी इस लिए की इसके ऊपर उधारी की रकम बहुत ज्यादा हो गयी थी। और इस के पास उधारी चुकाने के लिए पास में पैसे नहीं थे। इसी बीच आरोपी के पिता ने अपना एक प्लाट बेचा जो की पचास लाख कीमत में बिका तभी से आरोपी के मन में यह शाजिश जन्म लेने लगी।
और इसने इस घटना को अंजाम देने के लिए अपने दोस्तों से भी बात की मगर दोस्तों ने इंकार कर दिया। तभी नाटकीय ढंग से कभी मोबाइल पर तो कभी बहन के पास लेटर के माध्यम से फिरौती की रकम की मांग करता और न पहुंचाने पर जान से मारने की धमकी की बात करता। मगर पुलिस ने इस चूहे बिल्ली के खेल को उजागर करके चैन की साँस ली। वही पुलिस ने अपहरण करता यानी की खुद का अपहरण करने वाले को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया।
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