✍ गौरव सिंह (editor)
फतेहपुर / मलवां - जिले के किसान अमित पटेल पिछले 13 वर्षों से हरी धनिया की खेती कर रहे हैं। वह दिन में सिर्फ दो घंटे की मेहनत करके हरी धनिया बेचकर हर महीने 15 से 20 हजार रुपये आसानी से कमा रहे हैं।
12 महीने धनिया की फसल उगाने वाले अमित पटेल (28 वर्ष) उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले से 26 किलोमीटर दूर मलवां ब्लॉक के रहने वाले हैं।
अमित पटेल बताते हैं, “हमारे यहाँ बंदर बहुत ज्यादा हैं।
कोई भी फसल करो तो ये बहुत नुकसान करते हैं, इसलिए मैंने सोंचा क्यों न धनिया की फसल की जाये।
तब धनिया की खेती शुरू की और पिछले 13 वर्षों से धनिया की खेती कर रहा हूं और अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
“ वो आगे बताते हैं, “सुबह शाम मिलाकर दो घंटे ही खेत पर निराई करने जाता हूँ।
बाजार से हर दिन भाव के हिसाब से 800 से लेकर 2000 रुपये तक कमा लेता हूं।“
अमित पटेल बताते हैं,
“एक बीघा में 40 क्यारी बनाते हैं, इसके बाद बुवाई कर देते हैं।
ऐसे में 40 दिन में धनिया बेचने के लिए तैयार हो जाती है।
“ वहीं, किसान रामकुमार (45 वर्ष)बताते हैं,
“हरी धनिया की फसल के लिए दोमट मिट्टी उत्तम है।
धनिया की फसल में इस बात का ध्यान रखना है कि खेत में पानी न रुकता हो।
जबसे हरी धनिया की खेती की है तबसे हर दिन 800-1200 रुपये तक की बिक्री हो जाती है।“
हरी के साथ सूखी धनिया की भी मिलती है अच्छी कीमत।
धनिया की बुवाई और देखरेख का तरीका
एक बीघे में 10 किलो धनिया का बीज लगता है।
धनिया बारह महीने चलती है इसलिए किसी भी महीने इसकी बुवाई कर सकते हैं।
बुवाई के दसवें दिन पहला पानी और जैविक खाद डालते है, दूसरा पानी 20 दिन के आस-पास लगाते हैं।
दूसरे पानी के दौरान ही 35 से 40 किलो डीएपी डालते हैं।
अगर तापमान डाउन है तो 25 दिन के अन्दर 250-300 ग्राम यूरिया का स्प्रे कर देते हैं।
एक टंकी में 16 लीटर पानी में 100 ग्राम यूरिया डालते हैं बीघे भर में तीन टंकी का छिड़काव करते हैं।
जब गर्मी ज्यादा पड़ती है तो हफ्ते में दो बार पानी लगाना पड़ता हैं। इस बारे में किसान अमित पटेल बताते हैं कि जिस दिन भी धनिया बोयें उसके 40वें दिन वो तैयार मिलेगी। इसके बाद फिर उसी क्यारी में धनिया बो दें।
धनिया बोते समयांतराल का विशेष ध्यान रखें।
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