शनिवार, 2 मार्च 2019

अवैध खनन पर स्पेशल रिपोर्ट योगी सरकार के मंशूबों में पानी फेरते फतेहपुर के संगोलीपुर मड्डइयन मौरंग खदान में सक्रिय खनन माफिया-





संगोलीपुर मड्डइयन में हो रहा मानक से विपरीत अवैध खनन-


फतेहपुर में अवैध खनन जोरों पर, किशनपुर थानाक्षेत्र के संगोलीपुर में ठेकेदार एक खण्ड का टेण्डर लेकर कर रहे कई खण्डों में खनन, प्रशासन मौन-


एक तरफ जहां अंडरलोड गाड़ियाँ चलाने का फरमान योगी सरकार का था, तो वहीं मौजूदा दौर में ओवरलोड से भी ज्यादा लोड वाहनों ने सड़कों का हाल किया खराब-


फतेहपुर में यमुना की धारा मोड़कर किया जा रहा अवैध खनन, जिम्मेदार बेपरवाह-


घाट में लेबर लोडिंग की जगह पोकलैंड मशीनों से की जा रही लोडिंग-


सूत्रों के मुताबिक घाट में माननीय के नाम के चलते जिला प्रशासन कार्यवाही से कतरा रहा-

बताते चलें कि बालू खनन के कारोबार के लिए चर्चित जनपदों में प्रयागराज से सटा हुआ फतेहपुर जनपद भी मशहूर है। यहाँ पर इस समय बालू माफिया पूरी तरह से सक्रिय हैं। 
जो न सिर्फ अपने ही खण्ड में खनन करते हैं बल्कि एक खण्ड का टेण्डर लेकर समूचे खाली पड़े खण्डों में अवैध खनन करवाते हैं, जिससे प्रदेश के राजस्व के एक लंबी धनराशि की क्षति भी होती है। 
सूत्रों की मानें तो इन खनन माफियाओं का जाल इतना बड़ा है कि जिले के अधिकारी भी इनके सामने घुटने टेके हुए हैं। एक तरफ जहां प्रशासन ने लेबर लोडिंग के लिए आदेशित किया था तो वहीं ये खनन माफिया सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए दर्जनों पोकलैंड मशीनें लगाकर यमुना की धारा मोड़कर खनन कर रहे हैं साथ ही पूरीरात यमुना की धारा में पनचक्की लगाकर यमुना नदी को गर्त में मिलाने का काम कर रहे हैं। जिससे आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाएं आने का भी खतरा मँडराता दिखाई दे रहा है। 

माननीय के नाम का भी कर रहे पूरा दुरुपयोग, माननीय का नाम भी अवैध खनन में बदनाम-

विश्वस्त सूत्रों/घाट में मौजूद पट्टेधारक के लोगों की मानें तो बताया जा रहा कि इस अवैध खनन के पीछे एक माननीय का भी हाँथ है। संगोलीपुर मड्डइयन क्षेत्र में सक्रिय खनन माफिया के मौरंग खदान में माननीय का भी अपना अलग परसेंटेज है। 
खबर की कवरेज के दौरान घाट में मौजूद माफिया के लोगों का कहना था कि आपके वीडियो और फोटो बनाने से कुछ भी होने वाला नहीं है, यहाँ माननीय जी का भी शेयर है। 
वीडियो बनाने मात्र से कुछ होने वाला नहीं है।

योगी सरकार के फरमान के बावजूद ओवरलोड देना भी नहीं बन्द कर रहे पट्टाधारक-

अगर अंत में बात करें यहां के ओवरलोड की तो उसका भी जनपद फतेहपुर में कोई जवाब नहीं। 
क्योंकि यहाँ पर तो दरोगा जी और आला अफसरों की मेहरबानी पर ही गाड़ियाँ चल सकती हैं या फिर आपकी गाड़ी की इंट्री हो, वो भी पूरी नई नोटों के साथ। 
और साथ मे बात करें यहाँ के लोकल पुलिस की तो उनका तो ये आलम है कि उन्हें किसी का भी डर नहीं है।
खुल्लमखुल्ला चौबीसों घंटे वसूली होती है।।

एनजीटी के नियमों की भी पट्टेधारक कर रहे खुलेआम अवहेलना-

आपको बता दें कि किसी भी घाट का टेण्डर होने के बाद उसे एनजीटी से एनओसी लेनी पड़ती है। 

एनजीटी उस घाटमालिक को कुछ शर्तों के बाद ही घाट चलाने के लिए "नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट"  देता है। 
लेकिन उसमें मौरंग खदान संचालक को बाध्य भी रखता है कि अगर इन शर्तों के विपरीत खनन हुआ तो आपका टेण्डर जुर्माने सहित निरस्त किया जा सकता है। 

लेकिन फतेहपुर में एनजीटी के नियम और शर्त कोई मायने नहीं रखते हैं।। 

क्योंकि यहाँ मौरंग खदान संचालक टीम के लोगों का ही कहना है कि सारे नियम बने ही तोड़ने के लिए हैं।।
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