लेट होता मानसून बनेगा सब के लिए मुसीबत, झेलनी पड़ेगी महंगाई की मार
फतेहपुर - समय से पहले देश में आने वाला मानसून अब ठहर गया है।
कृषि प्रधान इलाकों में मानसून समय से आ जाता था। इस बार मानसून सप्ताह भर लेट हो चुका है।छत्तीसगढ़ में फंसा मानसून अब कितने दिन में सक्रिय होगा इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
मानसून की देरी से किसान चिंता में आ गए हैं।
प्री मानसूनी बादलों की सक्रियता भी थमने की वजह से अब धान की पौध पर सूखे की मार पड़ सकती हैं।
जितने दिन मानसून देर से आएगा।
उतना ही किसान के साथ एक आम आदमी को भी महंगाई के जरिए परेशानी झेलनी पड़ सकती हैं।
फसल हो रही हैं प्रभावित
जानकारी के अनुसार अगर 26 जून के बाद भी मानसून लेट होता है तो कुल औसत का 20-25 प्रतिशत तक किसानों की उपज प्रभावित होगी। लंबी अवधि की लगने वाली वाली प्रजाति की नर्सरी भी इस समय तक लग जाती थी, लेकिन मानसून की देरी से अब तक नहीं लग पाई हैं। छोटी और मध्यम अवधि वाली प्रजाति की नर्सरी 20 जून के बाद ही लगती है।
फतेहपुर ज़िले के असोथर व अन्य क्षेत्रों में धान बहुत ज़्यादा होता हैं।
मगर यह इलाका भी मानसून न आने की वजह से प्रभावित हुआ हैं।
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