रविवार, 11 फ़रवरी 2018

स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखा रहा उत्तर प्रदेश परिवहन का यह बस अड्डा............






(ब्यूरो रिपोर्ट अंबरीष गुप्ता ) 

जी हां एक तरफ जहां केन्द्र व प्रदेश सरकारों द्वारा स्वच्छता के नाम पर भारी बजट के साथ अनेक प्रकार की योजनाएं चलायी जा रही हैं.. सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता को बढाना देने के लिए माननीयो द्वारा झाडू पकडी जा रही है... समस्त सरकारी प्राइवेट कार्यालयों.. निजी भवनों पर शौचालय निर्माण की  पुरजोश कोशिश  की जा रही है.. प्रेम कथाओ पर केन्द्रित बॉलीवुड द्वारा  शौचालय के विषय पर टायलेट एक प्रेम कथा जैसी फिल्म का निर्माण इस उद्देश्य पर किया जा रहा है जिससे जनमानस मे स्वच्छता वा साफ सफाई के प्रति उनका द्रष्टिकोण मे परिवर्तन के साथ उनके व्यवहार मे  बदलाव आए... शासन द्वारा किये जा रहे इन  हाड़तोड़ प्रयासों पर तब पानी फिरता नजर आता है जब सम्बन्धित कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से मुंह फिरते नजर आने लगते हैं.. कुछ ऐसा ही माजरा दिखाई देता है उत्तर प्रदेश परिवहन के बछरांवा बसअड्डा का... 
राजधानी से सटे इस बसअड्डा मे शासन ने शौचालय सुविधा की व्यवस्था कर रखी है परन्तु लचर निगरानी एवं क्रियान्यवन के कारण लोग अभी भी दीवाल के सहारे शौच करते नजर आते है.. सार्वजनिक स्थल पर यह नजारा शाम को शर्मिंदगी की हद पार करता दिखायी देता है जब लोग बस प्लेटफार्म को ही शौचालय की तरह प्रयोग करने लगते हैं.. और बसअड्डा प्रशासन मूकदर्शक की भांति इसे नजरअंदाज करता रहता है... महाविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान के समीपवर्ती इस बसअड्डा मे व्याप्त इस तरह की गंदगी पर ना तो कोई गम्भीर है नाही इसके निजात की ठोस रणनीति... 
हमारे माननीयो द्वारा स्वच्छता पर कितना भी जागरूकता के प्रयास किए जाएं जब तक जिम्मेदारो की नियति मे वह गम्भीरता नही होगी.. शासन का प्रयास जमीनीस्तर मे बेरंग ही दिखायी देगा.....
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