शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

य़ूपी बोर्ड परीक्षा की डुप्लीकेट कापी

य़ूपी बोर्ड परीक्षा की डुप्लीकेट कापी

जौनपुर-थाना लाइन बाजार पुलिस ने किया य़ूपी बोर्ड परीक्षा की डुप्लीकेट कापी छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़, प्रिन्टिंग प्रेस संचालक गिरफ्तार, एक हजार फर्जी कापियाँ बरामद ।

छह फरवरी से शुरू होने जा रही दुनिया की सबसे बड़ी यूपी बोर्ड परीक्षा की डुप्लीकेट कापियां छापने का बड़ा खुलासा हुआ है। पहली बार हुए इस तरह के खुलासे से बोर्ड अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक हल्के में हड़कम्प मच गया है। पुलिस ने हाईस्कूल की एक हजार कापियां बरामद कर प्रिंटिंग प्रेस मालिक को गिरफ्तार किया है। जिस इंटर कालेज प्रबंधक के आर्डर पर कापियां छप रही थीं, वह फरार है। मामले की जांच के लिए क्षेत्रीय शिक्षा परिषद वाराणसी के सचिव भी जौनपुर पहुंचे हैं। वाराणसी से एसटीएफ की टीम भी पहुंचकर जांच-पड़ताल में जुटी है। पूरे मामले में शिक्षा माफियाओं का गिरोह काम करने की आशंका जताई जा रही है।
लाइन बाजार थाना क्षेत्र के जोगियापुर मोहल्ले में सूरज पुस्तक भंडार के नाम से दुकान और उसी के पीछे प्रिंटिंग प्रेस है। इसी प्रेस के जरिये सरकारी कार्यालयों में सभी प्रपत्रों की छपायी व प्रोफार्मा बनाने का कार्य होता है। क्राइम ब्रांच के प्रभारी विश्वनाथ यादव को सूचना मिली की यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा में इस्तेमाल होने के लिए डुप्लीकेट कापियां यहां छापी जा रही हैं। क्राइम ब्रांच ने लाइन बाजार एसओ मिथिलेश मिश्र की टीम के साथ शुक्रवार की सुबह साढ़े 10 बजे दुकान पर छापेमारी की। यहां से हाईस्कूल की एक हजार कापियां जब्त की गई।
हरदोई में हाईस्कूल के प्रश्नपत्रों का बंडल गायब
सूचना मिलते ही एसपी सिटी डा. अनिल कुमार पांडेय, सिटी मजिस्ट्रेट इन्द्रभूषण वर्मा, सीओ सिटी नृपेन्द्र, प्रभारी डीआईओएस मंजूलता वर्मा समेत अन्य अफसर भी पहुंच गए। पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस मालिक राम पलट मौर्य को गिरफ्तार कर लिया। उससे हुई पूछताछ में पता चला कि कापियां बदलापुर स्थित मां शारदा इण्टर कालेज तियरां  के लिए छापी जा रही हैं।

20 हजार रुपये में हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की दो-दो हजार कापियों को छापने का ठेका हुआ था। 

पुलिस ने इंटर कालेज के प्रबंधक ओमप्रकाश तिवारी और जिला सैनिक कल्याण पुनर्वास केन्द्र कार्यालय में तैनात लिपिक सुनील दुबे के खिलाफ भी जालसाजी और 6 कापी राइट एक्ट के अलावा कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। दोनों की गिरफ्तारी की कोशिश में पुलिस लगी है। पुलिस के हत्थे चढ़े प्रेस मालिक रामपलट 2005 में एसपी कार्यालय से चोरी गये स्टेशनरी सामान का उपयोग करने में भी पकड़ा गया था।

असली-नकली कापियों में अंतर पकड़ना मुश्किल

यूपी बोर्ड की डुप्लीकेट कापियां पकड़े जाने के बाद कई खुलासे भी सामने आ रहे हैं। इन कापियों को देखने के बाद आसानी से असली-नकली में अंतर करना मुश्किल है। शिक्षा माफिया इन्हीं कापियों को पहले से सुरक्षित स्थानों पर दर्जनों साल्वरों के माध्यम से लिखवाना शुरू कर देते हैं। जैसे ही परीक्षा समाप्त होती है तो सेटिंग गेटिंग वाले परीक्षार्थियों की बाहर लिखी गई उत्तर पुस्तिकायें मूल कापियों के बंडल में जमा कर दी जाती हैं। इस पूरे मामले में कहीं से किसी स्तर पर धरपकड़ का खौफ इसलिए नहीं होता कि यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी करने वाले कक्ष निरीक्षकों के हस्ताक्षर और मुहर तक अंकित होता है। कापियों पर कोडिंग भी ये लोग बेहद ही आसानी से कर देते हैं। इस पूरे खेल में डीआईओएस कार्यालय के कर्मियों से लेकर बड़े रसूखदारों की संलिप्तता भी मानी जाती है। कापियों के खुलासे के बाद एसपी सिटी डा. अनिल पांडेय ने जब असली और नकली कापियों का मिलान किया तो वह खुद भी चौंक गए। दोनों कापियों में कोई खास फर्क नजर नहीं आया। सिर्फ यूपी बोर्ड से हुई कोडिंग और नीचे के हिस्से में अंतर पाया गया।
पूरे दिन हाफते रहे शिक्षा विभाग के बड़े अफसर
यूपी बोर्ड परीक्षा की फर्जी कापियों की बरामदगी ने बोर्ड प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिये निशान खड़े कर दिए हैं। खबर लगते ही माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी बड़े अफसर जौनपुर पहुंच गए। इतने बड़े खुलासे में मुख्य भूमिका क्राइम ब्रांच और थाना लाइन बाजार पुलिस की रही है। जिस पर शासन स्तर से पुलिस टीम को ढेरों वाहवाही भी मिली।
एएसपी सिटी डा. अनिल पांडेय, सीओ सिटी नृपेन्द्र के साथ एसटीएफ वाराणसी की पूरी टीम घंटों छानबीन करती रही। साक्ष्यों में कहीं से कोई चूक न हो इसके मद्देनजर पुलिस के अधिकारी खासे अलर्ट रहे। इसीलिए आरोपितों के खिलाफ बाद में आईपीसी की धारा 467, 468, 469, 471 जैसी अन्य गम्भीर धारायें बढ़ाई गईं। एसपी केके चौधरी खुद पूरे मामले में निरंतर निगरानी करते रहे। जिसके चलते माध्यमिक शिक्षा परिषद वाराणसी के क्षेत्रीय सचिव शशि सिंह, संयुक्त शिक्षा निदेशक अजय द्विवेदी, उपशिक्षा निदेशक (डीडीआर)ओंकारनाथ शुक्ल समेत दर्जन भर अफसरों की टीम पूरे दिन जौनपुर में डटी रही। देर शाम को प्रभारी डीएम आलोक सिंह के निर्देशन में प्रभारी डीआईओएस मंजूलता ,तहसीलदार सदर आशा राम वर्मा, नायब तहसीलदार समेत अन्य अधिकारियों ने आरोपित रामपलट मौर्य की सूरज पुस्तक भंडार स्थित प्रतिष्ठान को सील कर दिया। इसी प्रतिष्ठान के अन्दर उक्त प्रिंटिंग मशीन भी स्थित है, जहां छपाई होती थी।
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