रविवार, 1 अक्तूबर 2017

सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया?



आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ??
आइये आज हम आपको बताते हैं 
कि नमक मुख्य कितने प्रकार होते हैं।
एक होता है 
समुद्री नमक 
दूसरा होता है  सेंधा नमक (rock salt)। 
सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है।
पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक' आदि आदि नाम से जाना जाता है ।
जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है सुरंगे है।
वहाँ से ये नमक आता है। मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है।
यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन सहायक, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है। इससे पाचक रस बढ़ते हैं।
तों आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले। काला नमक,सेंधा नमक प्रयोग करे, क्यूंकि ये प्रकृति निर्मित है, ईश्वर का बनाया हुआ है। सदैव याद रखे इंसान शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता।

भारत मे सन 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनियां भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है, उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली-भाली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है। हुआ ये कि जब ग्लोबलाईसेशन के बाद बहुत सी विदेशी कंपनियों-अनपूर्णा, कैपटन कुक आदि ने नमक बेचना शुरू किया तब ये सारा खेल शुरू हुआ ! अब समझिए खेल क्या था??  खेल ये था कि विदेशी कंपनियो को नमक बेचना है और बहुत मोटा लाभ कमाना है और लूट मचानी है तो पूरे भारत मे एक नई बात फैलाई गई कि आयोडीन युक्त नामक खाओ! आप सबको आयोडीन की कमी हो गई है। ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है आदि आदि... बातें पूरे देश मे प्रायोजित ढंग से फैलाई गई। और जो नमक किसी जमाने मे 2 से 3 रूपये किलो मे बिकता था। उसकी जगह आयोडीन नमक के नाम पर सीधा भाव पहुँच गया 8 रूपये प्रति किलो और आज तो 20 रूपये को भी पार कर गया है।

दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आयोडीन युक्त नमक 40 साल पहले ban कर दिया। अमेरिका मे नहीं है,जर्मनी मे नहीं है, फ्रांस मे नहीं, डेन्मार्क मे नहीं है। डेन्मार्क की सरकार ने 1956 मे आओडीन युक्त नमक बैन कर दिया...क्यों ?? उनकी सरकार ने कहा हमनेे आयोडीन युक्त नमक खिलाया !(1940 से 1956 तक ) अधिकांश लोग नपुंसक हो गए ! जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया! उनके वैज्ञानिको ने कहा कि आयोडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होने बैन लगाया। और शुरू के दिनो मे जब हमारे देश मे ये आयोडीन का खेल शुरू हुआ इस देश के बेशर्म नेताओ ने कानून बना दिया कि बिना आयोडीन युक्त नमक भारत मे बिक नहीं सकता। वो कुछ समय पूर्व किसी ने कोर्ट मे मुकदमा दाखिल किया और ये बैन हटाया गया।

आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था सब सेंधा नमक ही खाते थे ।

सेंधा नमक के फ़ायदे:

सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है । क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline) क्षारीय चीज जब अम्ल मे मिलती है तो वो न्यूट्रल हो जाता है और रक्त अम्लता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं ।

ये नमक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है । और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास, व्रत मे सब सेंधा नमक ही खाते है। तो आप सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है वो आपके शरीर के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है ??

सेंधा नमक शरीर मे 97 पोषक तत्वो की कमी को पूरा करता है! इन पोषक तत्वो की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे (paralysis)  का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है।

यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है। यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भाष्कर, पाचन चूर्ण आदि में भी प्रयोग किया जाता है।

क्या ? समुद्री नमक के भयंकर नुकसान 

इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार ये जो समुद्री नमक है आयुर्वेद के अनुसार ये तो अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है !
क्योंकि कंपनियाँ इसमे अतिरिक्त आयोडीन डाल रही है।
अब आयोडीन भी दो तरह का होता है एक तो भगवान का बनाया हुआ जो पहले से नमक मे होता है ।
दूसरा होता है “industrial iodine”  ये बहुत ही खतरनाक है। तो समुद्री नमक जो पहले से ही खतरनाक है उसमे कंपनिया अतिरिक्त industrial iodine डाल को पूरे देश को बेच रही है।
जिससे बहुत सी गंभीर बीमरिया हम लोगो को आ रही है । ये नमक मानव द्वारा फ़ैक्टरियों मे निर्मित है।
हालांकि इस बात को मैं लेखक व हमारी न्यूज़ टीम नुकसान या फायदे की प्रमाणिकता नही दे रहे पर इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह खबर हैं ।


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