107/16 धारा बनी गले की फांस
एन.डी.न्यूज़ / दैनिक निष्पक्षधारा
फतेहपुर/असोथर - 107/16 की धारा भले की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए बनाई गई हो पर कहीं न कहीं इसका बेजा इस्तेमाल भी हो रहा है। इसका सबसे अधिक चुनाव आदि में प्रयोग किया जाता है।
भले ही पुलिस को शांति भंग की आशंका हो पर कुछ पर आप इस वीडियो में देख सकते है कि जिस तरह से 85 वर्षीय शारीरिक बीमार बुजुर्ग व्यक्ति भिक्खू पासवान निवासी विधातीपुर थाना असोथर ने अपना दर्द बयां किया उससे लगा कि कहीं न कहीं इस्तेमाल गलत हो रहा है।
विधान सभा में आचार संहिता लागू होने के बाद से जिले से हजारों लोगों को धारा 107/16 के तहत (शांति भंग की आशंका में) अब तक पाबंद किया जा चुका है। जिन लोगों को इस धारा के तहत पाबंद किया गया है। वह अपनी जमानत कराने के लिए न्यायालय के चक्कर लगा रहे हैं। जमानत कराने के लिए नाते रिश्तेदारों से खुशामद कर रहे हैं। सोमवार को तहसील में अपनी जमानत कराने आए कुछ किसानों ने बताया कि उन्होंने जीवन में कभी कोई लड़ाई तक नहीं की फिर भी उन पर उक्त धारा लगा दी गई।
थाना असोथर क्षेत्र के ग्राम विधातीपुर के निवासी भिक्खू पासवान , सुंदरलाल पासवान , रघुराज पासवान , आदि ने बताया कि वह सभी पेशे से किसान हैं। किसानी तथा मजदूरी करके अपना पेट भरते हैं। कभी किसी भी मामले में गांव तक में झगड़ा नहीं किए हैं। फिर भी पुलिस ने उनके ऊपर शांति भंग की आशंका को लेकर उक्त धारा लगा दी। बच्चों का पेट भरना मुश्किल है। ऐसे में जमानत के लिए पैसे कहां से लाएं। नाते रिश्तेदारों की खुशामद की है तब जाकर जमानत हो रही है। ऊपर का खर्चा अलग से लग रहा है।
✍गौरव सिंह #9936846600
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