इस भव्य आयोजन के लिए प्रयागराज में व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
इस खबर में हम आपको मेले में आने-जाने के लिए ट्रेन और रूट डायवर्जन की जानकारी रहने-खाने की व्यवस्था और एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बताएंगे।
144 साल बाद लगने वाला आस्था का सबसे बड़ा महापर्व महाकुंभ है।
ये नजारा फिर न जाने कितने वर्षों बाद देखने को मिले, इसलिए निकल पड़िए घरों से और आइए घूमिए महाकुंभ नगर और सहेज लीजिए जिंदगी के नए फलसफे की अमिट यादें।
लेकिन आने से पहले तो रहने-खाने, ट्रेन, रूट के डायवर्जन और कुंभ मेले में अंदर जाने और बाहर निकलने के लिए इन बातों पर जरूर ध्यान दें।
महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो, इसके लिए शासन-प्रशासन ने जबरदस्त इंतजाम किए हैं।
लगभग 12 किलोमीटर के क्षेत्र में विकसित सभी 44 घाटों पर स्नान कराने की तैयारी है।
आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की तैनाती
महाकुंभ के घाटों पर एसडीएम के साथ सीओ, तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं संगम तट के घाटों के साथ ही ऐरावत घाट व अरैल घाट पर आईएएस अधिकारियों और एडीएम व एसडीएम रैंक के पीसीएस अधिकारियों को लगाया गया है। इसके अलावा प्रयागराज समेत इसके आसपास चारों ओर स्थित 10 जिलों के डीएम व एसपी को भी लगा दिया गया है।
यह है महाकुंभ प्रयागराज की प्रशासनिक व्यवस्था
- 1,00,00,000 यात्रियों को ट्रेन से यात्रा कराने की तैयारी
- 400 ट्रेनें मौनी अमावस्या पर एक दिन में चले रही हैं, इसमें 170 से अधिक विशेष ट्रेनें हैं
- 1,060 ट्रेनें मौनी अमावस्या पर चार दिनों में चलेंगी इसमें 400 विशेष ट्रेन होंगी
- 15,00,000 लोग मौनी अमावस्या पर ट्रेन से यात्रा करेंगे
- 1,30,000 यात्री एक साथ आठ स्टेशन के यात्री आश्रय स्थल में रुक सकेंगे
- 1,000 अतिरिक्त सफाई कर्मी स्टेशन पर होंगे
- 2,000 अतिरिक्त सफाईकर्मी ट्रेनों की सफाई करेंगे
रहने-खाने का इंतजाम
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के अमृत स्नान के लिए पहले से ही भारी भीड़ उमड़ने लगी है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी संतों और कल्पवासियों तथा संस्थाओं के शिविर भर चुके हैं। रैन बसेरों में भी जगह नहीं है। शहर के होटल से लेकर मेला क्षेत्र में बनाए गए सरकारी व निजी टेंट सिटी का भी यही हाल है। वहीं खाने के लिए मेला क्षेत्र में ही कई दुकानें मौजूद हैं।
किस घाट पर करें स्नान
महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के मेला क्षेत्र में ऐरावत संगम घाट भी विकसित किया गया है जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर के राज्यों के श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।
मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर अरैल में स्नान घाट बनाए गए हैं।
दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा-पंजाब से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए संगम से लेकर नागवासुकि तक घाट पर स्नान कराने की तैयारी की है।
ट्रेनों व बसों से आने वाले श्रद्धालुओं तथा निजी वाहनों से आ रहे श्रद्धालुओं को स्नान कराकर शीघ्र ही सकुशल वापसी पर जोर दिया गया है।
सिटी साइड से मिलेगा प्रवेश (Mahakumbh Entry Point)
प्रयागराज में आठ रेलवे स्टेशनों प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, छिवकी, नैनी, रामबाग, झूंसी, प्रयाग व फाफामऊ से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
इन स्टेशनों के आसपास यातायात व्यवस्था में परिर्वतन किया गया है।
चार पहिया वाहनों को स्टेशन परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
प्रयागराज जंक्शन में केवल सिटी साइड से प्रवेश मिल रहा है और निकास सिविल लाइंस साइड से होगा।
आरक्षित यात्रियों को सिटी साइड से गेट नंबर पांच के माध्यम से अलग से प्रवेश दिया जा रहा है।
नैनी जंक्शन पर प्रवेश केवल स्टेशन रोड से व निकास केवल मालगोदाम की ओर (द्वितीय प्रवेश द्वार) से मिल रहा है। आरक्षित यात्री यहां गेट नंबर दो से प्रवेश करेंगे।
छिवकी स्टेशन में प्रवेश केवल प्रयागराज-मीरजापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से मिलेगा।
मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हो गई है।
मौनी अमावस्या से पहले उमड़ी भीड़ के चलते मेला क्षेत्र में पैदल चलना भी दूभर हो गया है।
तीर्थ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में सभी तरह के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
हालांकि, आवश्यक वस्तुओं से संबंधित वाहनों और साधु-संतों के वाहनों को प्रवेश की अनुमति रहेगी, लेकिन ऐसे साधु संत के वाहन ही मेले में जाएंगे जो वहां रह रहे हैं।
इस दौरान मीडिया को छोड़कर अन्य किसी के पास मान्य नहीं रहेंगे।
प्रयागराज जाने वाले वाहनों का टोल टैक्स माफ
प्रदेश सरकार की मांग पर केंद्र सरकार महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में प्रवेश करने पर सभी सात टोल प्लाजा पर टैक्स मुक्त करने का निर्णय लिया है।
27 जनवरी की रात आठ बजे से 30 जनवरी यानि प्रमुख स्नान पर्व के दौरान 72 घटे तक तक कुंभ नगरी में प्रवेश करने पर टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से प्रक्रिया टोल फ्री किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
0 टिप्पणियाँ:
Thanks for Visiting our News website..