गुरुवार, 12 जुलाई 2018

अश्वस्थामा की ऐतिहासिक नगरी असोथर खो रही अपना वजूद


अश्वस्थामा की ऐतिहासिक नगरी असोथर खो रही अपना वजूद

गौरव सिंह गौतम (प्रधान संपादक)


फतेहपुर / असोथर - इतिहास के पन्नों में विशेष गौरव हासिल महाभारत खंड कालीन पौराणिक अश्वस्थामा नगरी व खींची वंश के राजा भगवंत रॉय की स्टेट असोथर आज राजनैतिक व प्रशासनिक उदासीनता के चलते दुर्दशा के आंसु बहा रही हैं ।


राज्य में सरकार चाहे सपा ,बसपा की रही हो या भाजपा की , यहां के गौरवशाली इतिहास के बावजूद असोथर कस्बे को विकास के नाम पर हमेशा ही निराशा ही हाथ लगी है । 
अब इसे स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कमजोरी कहे या सरकार की कमजोर इच्छा शक्ति । 
वजह चाहे कुछ भी हो मगर यह तो साफ है कि कभी गौरवशाली इतिहास का धनी रहा असोथर क्षेत्र आज भी उपेक्षा का शिकार है ।

असोथर कस्बे के मुख्य चौराहे प्रतापनगर झाल में पहली ही बारिश में सड़क दलदल का रूप ले चुकी हैं , सड़क के दोनों किनारों पर नाली निर्माण न होने से लगभग 20 वर्षो निर्माण विहीन कटस्टोंन सड़क दलदल में तब्दील हो गई हैं ।
बारिश में दलदल में तब्दील असोथर के मुख्य चौराहे की सड़क

जिसमें प्रतिदिन दर्जनों लोग गिरकर चुटहिल हो रहे हैं ।
झाल चौराहे से लगभग 500 मीटर कटस्टोंन लगी जर्जर सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया नही जा रहा और न ही इस बरसात के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में दलदल में तब्दील हो चुकी सड़क पर ईट - पत्थर डलवाने का कष्ट भी पीडब्ल्यूडी विभाग नही उठा रहा ।

वही कस्बे की बाजार भी नाला चोक व समुचित साफ सफाई न होने से कीचड़ से भर गई हैं ,
इसके अलावा विकास खंड असोथर की भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा हैं ।
विकासखंड की जीर्ण शीर्ण बाउंड्रीवाल तोड़कर जिम्मेदार अधिकारियों की सह पर लोग विकासखंड की जमीन पर अवैध कब्जा कर रहें हैं .

कस्बे में जल निगम द्वारा बिछाई गई 30 वर्ष पुरानी पाइप लाइन आज जगह जगह पर चोक हैं , जो कि सड़क के किनारों बसस्टैंड व अन्य स्थानों पर अनवरत बेकार पानी बहाती रहती हैं ।

हालांकि कल 11 जुलाई के जनपद फतेहपुर के जिलाधिकारी आंजनेय सिंह के कस्बे के औचक निरीक्षण के दौरान लोगों ने जिलाधिकारी महोदय को कस्बे की समस्याओं से अवगत कराया .
जिस पर उन्होंने जल्द समस्याओं को सही कराने का आश्वासन दिया हैं ।

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