Chief Editor aatm gaurav news.com
जिला अस्पताल फतेहपुर से बुधवार की रात में भागा, पेट दर्द की शिकायत पर लाया गया था
सुरक्षा में तैनात दोनों बंदी रक्षकों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं
पहले भी चकमा देकर फरार हो चुके हैं कई बंदी, बंदी रक्षकों की भूमिका पर भी उठे हैं सवाल
FATEHPUR - जिला जेल से जिला अस्पताल लाया गया एक सजायाफ्ता कैदी बुधवार की रात फरार हो गया।
उसे पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल लाया गया था।डॉक्टरों ने उसेें अस्पताल में भर्ती किया था।
उसकी सुरक्षा के लिए दो बंदी रक्षक पहरे पर लगाए गए थे। कैदी के फरार होने की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।
पूरे मामले पर सीओ सिटी केडी मिश्रा ने बताया कि कैदी की तलाश के लिए टीम गठित की जा रही है।
कारागार के सिपाहियों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
हत्या के मामले में मिली थी सजा
नौ सिंतबर 1981 को फतेहपर जनपद के असोथर थाना क्षेत्र के ऐझी गांव में लक्ष्मीकांत मिश्रा की हत्या में शत्रुघन सिंह, शिवदास, फूलसिंह, और शिवसरन को नामजद किया गया था।
कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान शिवदास ने आत्महत्या कर लिया था।
जबकि सत्र न्यायालय ने शेष तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाया था।
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
जहां से तीनों आरोपी जमानत पर बाहर थे।
बाद में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निचली अदालत के बहाल कर दिया।
फैसले के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस इधर उधर हाथ पैर मार रही थी।
कुछ दिन पहले फूल सिंह और शिवसरन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
जबकि शत्रुघन सिंह फरार चल रहे थे। अभी पिछले वर्ष 6 नवम्बर 2017 थानाध्यक्ष असोथर राजेश मौर्या ने ऐझी गांव में दबिश देकर फरार चल रहे शत्रुघन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
कुछ दिनों पहले उसने पेट दर्द की शिकायत की तो जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल भेजा था । उसकी सुरक्षा में तैनात बंदी रक्षकों का कहना है कि बुधवार की रात कैदी ने शौचालय जाने की बात कह शौचालय की ओर चला गया ,और कैदी मौका देखकर फरार हो गया। बंदी रक्षकों को जब उसके फरार होने की जानकारी हुई तो उनके हाथ- पांव फूल गए। उन्होंने पहले तो उसे स्वयं ही उसे ढूढ़ने का प्रयास किया, लेकिन जब उसका पता नहीं चला तो इस प्रकरण की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी।
0 टिप्पणियाँ:
Thanks for Visiting our News website..