✍ ब्यूरो रिपोर्ट अम्बरीष गुप्ता
अर्थात जहां स्वच्छता वहां बीमारियों से मुक्ति..
शायद यही सोच कर शहरवासी अपने घरों का निष्प्रयोज्य कचरा नगरपालिका द्वारा निर्धारित स्थानो पर डालते है ...
फतेहपुर नगर पालिका द्वारा निर्धारित इन कचडे के ढेरों के उठाने व उनके निष्पादन की जिम्मेदारी नगरपालिका द्वारा की जाती है परन्तु इन जिम्मेदारो की जिम्मेदारियों का निर्वाहन का तरीका फतेहपुर की सड़कों मे बखूबी दिखायी देता है...
वैसे सडक किनारे स्थित ये कचडे के ढेर सुबह ही साफ हो जाने चाहिए परन्तु नगर पालिका द्वारा इन ढेरों के उठाने व उस स्थान की सफाई का कार्यक्रम पूरा दिन ही चलता रहता है...
इस मनमानीपूर्ण गैरजिम्मेदार तरीके का असर ये है कि शहर मे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने से वाहनो को घंटो जाम मे फंसना पडता है..
इस जाम मे फंसे लोगो पर कचडे के कीटाणुओ द्वारा संक्रमण का खतरा भी बना रहता है ...
घंटों लगने वाले इस जाम मे विद्यालय वाहन, एम्बुलेंस , दोपहिया व चारपहिया वाहनो को जहां जाम के झाम मे फंसना पडता है वहीं वाहनचालकों की थोड़ी सी भी चूक उन्हें बड़ी मुसीबत मे डाल सकती है...
जाम का आलम यहां तक है कि ये कचड़ा वाहन सड़क की एक लेन पर कब्जा करके रखते है पर किसी भी आला अधिकारी की नजर इस समस्या पर नही पड़ती..
ना ही नगर पालिका परिषद इस समस्या पर जरा सा भी गम्भीर नजर आती है...
नगरपालिका फतेहपुर को इस समस्या के प्रति विचार करने की जरुरत हैं है कि कचडा़ निष्पादन के सम्बन्ध मे बनायी पालसी काे संशोधन कर उसे जनहित मे ध्यान देकर लागू करने का व्यवस्था करें...
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