रूबरू/आकांक्षा पुरी
✍मेघा
सबसे प्रिय देव गणेश की कहानियों का प्रसारण सोनी पर धूम मचा रहा है। परंपरागत पौराणिक शो ‘विघ्नहर्ता गणेश’ की टीम ने शो के लिए कलाकारों को चुनने में बहुत ज्यादा मेहनत की। खूब पसीना बहाने के बाद पार्वती की भूमिका के लिए आकांक्षा पुरी को चुना गया। इस किरदार को सफलतापूर्वक दिखाने के लिए आकांक्षा ने जिम में तीन महीने तक तीन घंटे रोज़ पसीना बहाया, जिससे वो एक देवी की तरह दिख सकें। पेश हैं उनसे बातचीत के कुछ अंश-
पार्वती की भूमिका निभाने के लिए किस बात ने प्रेरित किया?
मैं बेहद भावुक लड़की हूं और जब मेरे सामने कहानी आई और मुझे सीरीज में मेरे किरदार के बारे में बताया गया तो ऐसा लगा कि मेरा कोई सपना पूरा हो गया है। जब मुझे देवी पार्वती के लिए चुना गया, तब मैंने अति-उत्साहित और रोमांचित होकर चुनौती स्वीकार कर ली। ‘विघ्नहर्ता गणेश’ जैसे शो में प्रमुख किरदार को निभाना एक चुनौतीपूर्ण काम होने के साथ ही बड़ा दायित्व भी है। यह शो भारतीय टीवी पर मेरा पदार्पण रहेगा।
पार्वती के किरदार के लिए किस तरह की तैयारियां कीं?
मां पार्वती के चरित्र में फिट होने के लिए मुझे बॉडी लैंग्वेज, लहज़े, वेट ट्रेनिंग पर काम करना पड़ा। जिम में भी मैंने वक्त बिताया ताकि शरीर को एक आकार में रखा जा सके। मैंने अपने लुक्स पर भी काम किया। जब आप पार्वती जैसी देवी की भूमिका निभा रहे हो, तब यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। साथ ही, मैंने बच्चों को समझने के लिए उनके साथ भी काफी वक्त बिताया।
व्यक्तिगत तौर पर आपको गणेश के बारे में क्या अच्छा लगता है?
मैंने अपने बचपन में, भगवान गणेश के बारे में काफी सारी कहानियां सुन रखी थीं। बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने किस तरह मुश्किल परिस्थितियों में खुद को शांत रखा और जटिल समस्याओं का समाधान अपनी बुद्धि से निकाला। इसी वजह से उन्हें ज्ञान का देवता भी कहा जाता है। भगवान गणेश गुणवत्ता के लिए प्रेरित करते हैं। उन्हें मोदक और मिठाई खाना पसंद है और मुझे भी मिठाई बहुत अच्छी लगती है।
पार्वती और गणेश के बीच जिस तरह का खास रिश्ता दिखाया गया है, उसके बारे में कुछ बताइये।
हमने कई खूबसूरत और भावुक पलों को फिल्माया है। मैं इतनी भावुक हो गई थी कि आंसू ही नहीं रुक रहे थे। मैंने ‘विघ्नहर्ता गणेश’ की शूटिंग के दौरान एक मां के दर्द और प्यार को अनुभव किया है। मुझे यकीन है कि इस सीरीज में दर्शक पार्वती और गणेश के मां-बेटे के रिश्ते से खुद को जोड़ सकेंगे।
आपने दक्षिण भारत और बॉलीवुड में भी काम किया है। उसके मुकाबले टीवी पर अनुभव कैसा रहा?
अब तक का मेरा अनुभव बहुत चुनौतीपूर्ण और मजेदार रहा है। फिल्मों और टीवी सीरीज में काम करने के तरीकों में बहुत अंतर है। मैं टीवी सीरीज के लिए अभ्यस्त हो रही हूं। क्लिष्ट हिंदी और संस्कृत शब्दों का इस्तेमाल करना एक अलग अनुभव था। मेरे प्रशंसकों ने भी मुझे अच्छे काम के लिए प्रेरित किया। अपनी शुभकामनाएं भेजीं।
इस भूमिका निभाने के अपने अनुभव को साझा करें।
यह शो करने के बाद एक व्यक्ति के तौर पर मैं बहुत भावुक हो गई हूं। सभी माताओं का सम्मान करने लगी हूं। खासकर मेरी मां का। देवी पार्वती के दर्द, मासूमियत, संघर्ष, प्यार, गुस्सा, ताकत को इसके जरिए दिखाया गया है। मेरे लुक्स जिस तरह बनाए गए हैं, वह मुझे बेहद अच्छे लगे। यह मेरे अब तक के सभी लुक्स से बेहद अलग है। पार्वती के दुर्गा और काली के अवतार तो और भी जुदा हैं। मैं खुश हूं कि मुझे टीवी पर पहले कार्यक्रम के तौर पर पार्वती का किरदार मिला। मैं इससे ज्यादा की उम्मीद नहीं कर सकती थी!!
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