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फैमिली आईडी |
✍️ गौरव सिंह गौतम संपादक आत्म गौरव न्यूज .com
यूपी के फतेहपुर जिले में फैमिली आईडी कार्ड बनाने का काम शुरू हो गया है। आधार कार्ड की तरह 12 अंकों का यूनिक नंबर जनरेट होगा। पोर्टल पर नंबर डालते ही परिवार की पूरी डिटेल सामने प्रदर्शित हो जाएगी। जिससे परिवार को पात्र सदस्यों को सरकार की योजना का आसानी से लाभ मिल सकेगा।
एक परिवार, एक पहचान के तहत अब सरकार फैमिली आईडी जारी कर रहा है। प्रदेश में राशन कार्ड के जरिए परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। अब फैमिली आईडी के जरिये भी केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ ले सकते हैं। फैमिली आईडी के तहत अब उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में भी रहने वाले परिवारों का लाइव डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
इस योजना के तहत हर परिवार को फैमिली आईडी के तहत आधार कार्ड की तर्ज पर 12 डिजिट का यूनिक नंबर जारी किया जा रहा है।
फैमिली आईडी कार्ड बनने के बाद पात्र और अपात्र परिवारों की पहचान कर पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना आसान होगा। यह कार्ड आधार कार्ड की तरह 12 अंकों का होगा, जिसमें पूरे परिवार की जानकारी फीड होगी। लोगों को आय, जाति और निवास और अन्य प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भाग-दौड़ नहीं करना पड़ेगा। राशन कार्ड धारकों के लिए कार्ड का नंबर ही फैमिली आईडी नम्बर है।
राशन कार्ड से छूटे लोगों की मिलेगा फैमिली आईडी
जिले में राशन कार्ड से छूटे परिवारों के लिए फैमिली आईडी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनके लिए फैमिली आईडी की बनाने की कवायद शुरू की गई है। आईडी नंबर जनरेट होने के बाद पोर्टल में डालने पर पूरे परिवार की जानकारी सामने आ जाएगी। यह भी पता चलेगा कि परिवार अभी किस सरकारी योजना का बेनिफिट ले रहा और इसके लिए वह पात्र है या नहीं। साथ ही उन्हें सरकार की कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है।
सर्वे और सत्यापन से मिलेगी निजात
फैमिली आईडी अलॉट होने के बाद यूनिक नंबर के माध्यम से अधिकारियों को सिंगल क्लिक पर आपके परिवार में कितने सदस्य है। परिवार के हर सदस्य का पूरा ब्यौरा मिल जाएगा। साथ ही इस कार्ड के लाभ की बात की जाए तो पात्र परिवार को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से सीधे जोड़ा जा सकेगा किसी तरह के सत्यापन और सर्वे की जरूरत भी नहीं होगी।
रोजगार और पंचायत सचिवों को जिम्मा
एक परिवार एक पहचान के तहत जिले में 816 कर्मचारियों को लगाया गया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आईडी बनाने का जिम्मा रोजगार सेवक और पंचायत सचिवों को सौंपा गया है। एक बार आईडी बनने के बाद आधार कार्ड और राशन कार्ड की निर्भरता खत्म होगी। कार्ड को पहचान के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
हर दिन 5 हजार आईडी का लक्ष्य
जिला विकास अधिकारी (DDO) प्रमोद सिंह चंद्रौल ने बताया कि फैमिली आईडी बनाने का काम जिले में शुरू है, प्रतिदिन डेढ़ हजार आईडी बनाई जा रहीं हैं। तेजी लाने के लिए अब प्रतिदिन 5 हजार फैमिली आईडी बनाने के टारगेट पर काम किया जा रहा है। इससे
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