फतेहपुर - बहुचर्चित दोहरा हत्याकांड , 7 अभियुक्तों को आजीवन कारावास
फतेहपुर - जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने मलवां थाने के सहेली गांव की चर्चित घटना मां-बेटी की हत्या का फैसला लगभग ढाई साल बाद सुनाया।
जिसमें सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास के साथ ही 18 लाख रूपये का अर्थदण्ड वसूल करने का फैसला दिया। उक्त जुर्माने की आधी धनराशि मुकदमे की पीड़िता को देने का फरमान भी जारी किया है। न्यायालय के आये फैसले से पीड़िता पूरी तरह से खुश रही। पीड़िता का कहना रहा कि न्यायालय के न्याय पर उसे पूर्ण विश्वास था। आज उसकी मां और बहन की हत्या में लिप्त हत्यारों को यही सजा मिलनी चाहिए थी।
जिले के मलवां थाना के सहेली गांव में वर्ष 2016 के चैदह अप्रैल को सुबह साढ़े छह बजे परिवार के ही आदित्य नारायण, चंदन, छोटू, संदीप, शैलेन्द्र, दिनेश नारायण, राहुल ने एकराय होकर तमंचा, कुल्हाड़ी के साथ विमला देवी के घर घुस गये थे और इसके बाद उक्त लोगों ने विमला देवी के साथ उसकी बेटी को कुल्हाड़ी व लाठी-डण्डों से वार कर जहां मरणासन्न किया था वहीं जाते वक्त गोली मारकर हत्या भी कर दी थी। वहीं मृतका की छोटी बेटी कु0 इला घर के अंदर जैसे ही दाखिल हुयी तो उक्त मुल्जिमानों ने उसे भी अपना निशाना बना लिया। लेकिन इस घटना में इला को गोली तो लगी लेकिन उपचार के बाद वह बच गयी। मृतका के देवर की ओर से हत्या में लिप्त लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे की चली तफशीश में यह भी पता चला कि मुकदमा लिखाने वाले देवर की भी हत्या की घटना में संलिप्तता है। जिस पर निवर्तमान पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मृतका के देवर के विरूद्ध 120बी का मुकदमा दर्ज किया गया था। पूरे मुकदमे की तफशीश के बाद न्यायालय में दाखिल किया गया आरोप पत्र के बाद उक्त घटना में घायल हुयी मृतका की छोटी बेटी इला की गवाही एवं शासकीय अधिवक्ता बृजेश कुमार शुक्ला व अनिल कुमार दुबे की ओर से रखी गयी दलीलों के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश नीरज निगम ने मुकदमें के सारे पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए घटना में संलिप्तता पाये जाने पर उक्त मुल्जिमानों को आजीवन कावारास के साथ 18 लाख रूपये अर्थदण्ड का फैसला सुनाया।
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